Ans: भारतीय रिजर्व बैंक और भारत सरकार क्रिप्टोक्यूरेंसी को भारत में कानूनी निविदा के रूप में मान्यता नहीं देते हैं। हालाँकि, सरकार Cryptocurrency के लिए एक बिल पर काम कर रही है, लेकिन तब तक यह देश में वैध नहीं है।
Bitcoin Ka Itihas
बिटकॉइन का इतिहास : बिटकॉइन के बारे में आज तक हम लोगो ने सुना ही होगा लेकिन इसका उपयोग कभी किया नहीं होगा बिटकॉइन कैसे मार्केट में आया ?, इसे किसने बनाया ?, क्या यह सरकारी करेंसी है ? और बिटकॉइन का इतिहास इसका क्या यूज है ? यह सब प्रश्न हमारे मन में उठते है तो हम आपको बिटकॉइन के इतिहास के बारे में बताते है की इसका क्या इतिहास है ? इससे पहले हम बिटकॉइन क्या है और बिटकॉइन कहाँ से खरीदे इसके बारे में पढ़ कर बिटकॉइन के बारे में जानकारी पा चुके है इसीलिए अब हम आपको बिटकॉइन की हिस्ट्री बताते है की क्या कारण है की बिटकॉइन का दाम दिन पर दिन बढ़ता ही चला जा रहा है इन सबकी जानकारी आप हमारी इस पोस्ट द्वारा पा सकते है |
Bitcoin Mining : आम भाषा मे माइनिंग का मतलब खुदाई करने के बाद खनिज को बहार निकालना होता है लेकिन बिटकॉइन का कोई रूप आकार नहीं होता इसीलिए इसका उपयोग कंप्यूटर द्वारा ही संभव है और नेटवर्किंग द्वारा ही हम इसका उपयोग कर सकते है | कंप्यूटर की भाषा में माइनिंग का मतलब बिटकॉइन माइनिंग एक पीयर-टू-पीयर कम्प्यूटर प्रोसेस है जिसका इस्तेमाल विकेंद्रीकृत नेटवर्क पर एक उपयोगकर्ता से दूसरे को बिटकॉयन लेनदेन-भुगतान को सुरक्षित और सत्यापित करने के लिए किया जाता है।
बिटकॉइन का भविष्य 2023, 2024, 2025 – Price Prediction
अगर आप लोग Bitcoin या Crypto में निवेश कर चुके हैं या निवेश करने की सोच रहे हैं तो स्वाभाविक सी बात है कि आप जानना चाहते होंगे कि बिटकॉइन का भविष्य 2023 में क्या होगा !
तो दोस्तों अगर आप यह पोस्ट पूरी पढ़ लेते हैं तो आप 2025 तक करोड़पति बन सकते हैं और साथ ही बिटकॉइन का भविष्य 2023 से लेकर 2050 तक क्या होगा वो भी पता चल जाएगा !
मैंने (SMART BABA) सबसे पहले 2016 में बिटकॉइन के बारे में सुना था, लेकिन उस समय मेरे पास बिटकॉइन में निवेश करने के लिए पैसे नहीं थे ! मैंने मेरा बिटकॉइन में सबसे पहला निवेश अक्टुबर 2018 में किया था, जिसमें बिटकॉइन का इतिहास मुझे पहले लाभ हुआ और फिर नुकसान ! लेकिन मैंने मेरे उस अनुभव को 2020-21 में इस्तेमाल किया और बहुत पैसे कमाए !
बिटकॉइन का इतिहास
बिटकॉइन की शुरुआत 2009 में हुई थी। यह दुनिया का पहला पूर्णतया खुला भुगतान तन्त्र है। बिटकॉइन की संख्या अभी 1 करोड़ 91 लाख है जो धीरे धीरे माइनिंग के माध्यम से बढ रही हैं और ये अधिकतम 2 करोड़ 10 लाख बिटकॉइन का इतिहास तक हो सकती है । बिटकॉइन एक वर्चुअल यानी आभासी मुद्रा है, आभासी मतलब कि दुसरी मुद्राओं की तरह इसका कोई भौतिक स्वरुप नहीं है यह एक डिजिटल करेंसी है।
जो लोग पहले बिटॉइन को लेकर पहले नकारात्मक नजरीया रखते थे अब वही लोग इसके पक्ष में बोलते हुए नजर आ रहे हैं । कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:
एलन मस्क (Elon Musk)
एलन मस्क आज के समय में दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं, एक समय था जब एलन मस्क ने कहा था कि बिटकॉइन पर्यावरण के लिए सही नहीं है। लेकिन फिर उन्होंने ही बिटकॉइन को खरीदा और कभी ना बेचने की बात भी कही थी । और इसके बाद में उन्होंने बिटकॉइन का इतिहास यह भी कहा था कि अगर बिटकॉइन पर्यावरण के लिए घातक नहीं होगा तो हम बिटकॉइन को भुगतान प्रणाली में स्वीकार करेंगे ।
बिटकॉइन का भविष्य 2024
Bitcoin की 4th Halving अप्रैल मई 2024 बिटकॉइन का इतिहास में संमावित है और आज तक बिटकॉइन इतिहास में यही देखने को मिला है की Halving से 1 साल पहले से बिटकॉइन धीरे धीरे रिकवर होना शुरु हो जाता है लेकीन Halving के बाद बहुत रफ्तार से इसकी कीमत बढना शुरु हो जाती है जो लगभग एक से डेढ साल तक बढती ही जाती है।
Halving | Halving से एक साल पहले कीमत | Halving के समय कीमत | Halving के डेढ साल बाद कीमत |
1st Halving | 800 | $12 | $1000 |
2nd Halving | $190 | $750 | $18,900 |
3rd Halving | $3500 | $10,000 | $69,000 |
उपरोक्त चार्ट और टेबल से आप काफी कुछ समझ गए होंगे। Histrical data के हिसाब से साल 2024 के अंतिम तक एक बिटकॉइन की कीमत 63 लाख रुपये यानी $70,000 तक जा सकती है।
बिटकॉइन का भविष्य 2025
बिटकॉइन हर बार Halving के डेढ साल बाद एक नया All Time High बनाता है। जैसे पहली हाल्विंग नंवबर 2012 में हुई और दिसंबर 2014 में बिटकॉइन ने $1000 का नया ATH बनाया। दुसरी Halving जुलाई 2016 में हुई और दिसंबर 2018 में बिटकॉइन ने नया ATH ($18900) बनाया। तीसरी Halving मई 2020 में हुई और नवंबर 2021 में बिटकॉइन ने नया ATH ($69,000) बनाया।
बिटकॉइन की चौथी Halving अप्रैल 2024 में संभावित है इस लिहाज से डेढ साल बाद यानी की बिटकॉइन का इतिहास अक्टुबर 2025 में Bitcoin नया ATH बना सकता हैं और Crypto Expert का मानना है की 2025 का ATH लगभग 1 करोड़ 80 लाख रुपये यानी की 800,00,000 हो सकता है।
उपर बताए पॉइंटस तो महज कुछ उदाहरण है इसके अलावा भी सैकड़ों कंपनियां और बड़े निवेशकों ने भी अब बिटकॉइन और क्रिप्टो करेंसी को अपनाना शुरू कर दिया है। कुछ लोग और कंपनियां बिटकॉइन को खरीद रहे हैं तो कुछ बिटकॉइन और ब्लॉकचेन पर कोई प्रोडक्ट बना रहे हैं और कुछ बिटकॉइन को पेमेंट के तौर पर भी स्वीकार कर रहे हैं।
दुनिया की सबसे महंगी करंसी, एक बिटकॉइन की कीमत 17 लाख रुपए
सिक्के जैसी दिखने वाली क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन ने अब तक के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। एक साल के भीतर करंसी ने अपनी कीमत में 349 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की है, जो अब की किसी भी करंसी की तेजी का इतिहास है। इसके साथ ही एक बिटकॉइन की कीमत 23243 अमरीकी डॉलर पर पहुंच गई है, यानि भारतीय मुद्रा में करीब 17 लाख 10 हजार रुपए। इसके साथ ही बिटकॉइन का मार्केट कैप 31 लाख करोड़ को पार कर गया है। लॉकडाउन खुलने के बाद करंसी ने दो सौ बिटकॉइन का इतिहास गुना की तेजी हासिल की है।
पैसे का इतिहास: वस्तु की अदला-बदली से बैंकनोट्स से लेकर बिटकॉइन तक
मुद्रा का आविष्कार होने से पहले, लोग वस्तुओं और सेवाओं के लिए वस्तु की अदला-बदली करते थे। लगभग 5 हज़ार साल पहले मेसोपोटामिया के लोगों ने ‘शेकेल’ का इस्तेमाल किया था, जिसे मुद्रा (Currency) का पहला ज्ञात रूप माना जाता है।
मुद्रा या पैसा क्या है?
पैसा एक ऐसी वस्तु है जिस पर एक मूल्य रखा जाता है, जो वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार की अनुमति देता है।दिलचस्प बात यह है कि पैसे का अक्सर कोई आंतरिक मूल्य नहीं होता है। बिटकॉइन का इतिहास कुछ पैसे, जैसे धातु के सिक्के का वास्तविक मूल्य होता है। हालांकि, आधुनिक दुनिया में कागजी मुद्रा अधिक आम है और आमतौर पर इसका कोई वास्तविक मूल्य नहीं होता है।
यह वस्तुओं की कीमत को बताने में मदद करता है, और साथ ही यह लोगों को अपने धन को संग्रहीत करने का एक तरीका प्रदान करता है।
सोने, चांदी और अन्य धातू के सिक्के लगभग 650 से 600 ईसा पूर्व में इस्तेमाल किए जाने लगे। छपी हुई सिक्कों का उपयोग सेना के कर्मी को भुगतान करने के लिए किया जाता था।
समय बीतता गया, वस्तु अदला-बदली का विकास जारी रहा, बिटकॉइन का इतिहास औपनिवेशिक अमेरिकियों ने चमड़ा और फसलों से व्यापार किया।
कागजी मुद्रा में परिवर्तन
1260 ईस्वी के दौरान, चीन के युआन राजवंश ने सिक्कों को छोड़कर कागजी मुद्रा का उपयोग करना शूरू किया।
एशिया में यात्रा करने वाले व्यापारी, खोजकर्ता और लेखक मार्को पोलो ने लगभग 1271 ईस्वी में चीन का दौरा किया, जिसके अनुसार चीन के सम्राट के पास कागज़ी पैसे की आपूर्ति और व्यवस्था दोनों पर अच्छा नियंत्रण था।
16वीं शताब्दी तक यूरोप के कुछ हिस्सों में अभी भी धातु के सिक्कों को मुद्रा के एकमात्र रूप के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था।
हालांकि, बैंकों ने अंततः जमाकर्ताओं और उधारकर्ताओं के लिए Coin के स्थान पर कागजी नोटों (Banknotes) का उपयोग करना शुरू कर दिया।
इन बिटकॉइन का इतिहास बिटकॉइन का इतिहास नोटों को किसी भी समय बैंक में ले जाकर, सिक्कों में उनके अंकित मूल्य के लिए आदान-प्रदान किया जा सकता था। इस कागजी पैसे का इस्तेमाल सामान और सेवाओं को खरीदने के लिए किया जाने लगा। इस तरह, यह आधुनिक दुनिया में आज की मुद्रा की तरह ही संचालित होता है।
मोबाइल पेमेंट और वर्चुअल करेंसी
21वीं सदी ने मुद्रा के दो नए रूपों को जन्म दिया: मोबाइल भुगतान और Virtual मुद्रा। मोबाइल पेमेंट में एक पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, जैसे सेलफोन, स्मार्टफोन या टैबलेट डिवाइस के माध्यम से किसी वस्तु या सेवा के लिए पैसे का भुगतान किया जाने लगा।
दोस्तों या परिवार के सदस्यों को पैसे भेजने के लिए मोबाइल भुगतान तकनीक का खूब इस्तेमाल हुआ है। तेजी से, फोन पे और गूगल पे जैसी सेवाएं लोकप्रिय हो चुकी हैं।
आभासी मुद्रा (Virtual Currency)
बिटकॉइन को 2009 में ‘सातोशी नाकामोटो’ द्वारा लॉन्च किया गया था। Bitcoin, जल्दी ही आभासी मुद्राओं के लिए मानक बन गया।
ऐसी मुद्रा (Currency) जो ‘एन्क्रिप्टेड’ यानी कोडेड हो। Crypto करेंसी वर्चुअल या डिजिटल पैसा है, जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा सिक्योर्ड होता है जिससे इसकी नकल या कोई गड़बड़ी बिटकॉइन का इतिहास असंभव हो जाता है। यह डिजिटल संपत्ति का एक रूप है और यह ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। Bitcoin, Ethereum और Litecoin क्रिप्टोकरेंसी के कुछ उदाहरण है।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी खरीदना:
भारत में क्रिप्टोकुरेंसी खरीदने के लिए, एक निवेशक को पहले क्रिप्टो एक्सचेंज खोजने के साथ-साथ क्रिप्टो (जैसे बिटकॉइन) के लिए एक तीसरे पक्ष के माध्यम से एक ऑनलाइन स्टोरेज विकल्प बनाना होगा। एक्सचेंज में निवेशक को एक्सचेंज सर्विस के जरिए एक्सचेंज अकाउंट बनाना होगा।
विदेशी निवेशकों की तरह, भारतीय साथियों ने भी डिजिटल सिक्कों में अरबों डॉलर डाले हैं, क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों की उपस्थिति के कारण, जो देश में क्रिप्टो उद्योग को फिर से आकार देने का लक्ष्य रखते हैं।
इनमें से कई ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म या ऐप, जो अपने ग्राहकों को क्रिप्टोकरेंसी में आसानी से व्यापार करने की अनुमति देते हैं, पिछले कुछ वर्षों में सामने आए हैं। उनमें से कुछ ने अब भारत में डिजिटल संपत्ति की लोकप्रियता का संकेत देते हुए, मंच पर व्यापार करने वाले लाखों से अधिक ग्राहक प्राप्त कर लिए हैं।
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