म्यूचुअल फंड के प्रति निवेशकों का आकर्षण बढ़ रहा है.

भारत में म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?

म्यूचुअल फंड उद्योग एक प्रकार का निवेश वाहन है जो कई निवेशकों से स्टॉक, बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट आदि जैसी प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए धन एकत्र करता है। पेशेवर मनी मैनेजर म्यूचुअल फंड का प्रबंधन करते हैं, संपत्ति आवंटित करते हैं और निवेशकों के लिए पूंजीगत लाभ का उत्पादन करने का प्रयास करते हैं। म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो संरचित और उनके प्रॉस्पेक्टस में उल्लिखित निवेश उद्देश्यों से मेल खाने के लिए प्रबंधित होते हैं। व्यक्ति और छोटे व्यवसाय म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं, जो उन्हें स्टॉक, बॉन्ड आदि के पेशेवर रूप से प्रबंधित पोर्टफोलियो तक पहुंच प्रदान करते हैं। शेयरधारक फंड के लाभ या हानि को आनुपातिक रूप से साझा करते हैं। आम तौर पर, म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन फंड के कुल मार्केट कैप में बदलाव पर आधारित होता है, जो फंड के अंतर्निहित निवेश के प्रदर्शन को जोड़कर प्राप्त किया जाता है।

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Investment Tips: क्या मैं इस एमएफ निवेश से 10 साल में दो करोड़ रुपये जोड़ सकता हूं?

MF Investment Tips: आपको निवेश उन विकल्पों में करना चाहिए जो आपके निवेश के उद्देश्यों को पूरा करते हों. इसके साथ ही आपको अपने जोखिम उठाने की क्षमता का भी ध्यान रखना चाहिए. आप लार्ज कैप स्कीम में निवेश कर सकते हैं. इसमें बिना अतिरिक्त जोखिम के अच्छा रिटर्न कमाने की संभावना अधिक होती है.

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हमारे एक पाठक दीक्षित अग्रवाल ने लिखा है कि मैं काफी जोखिम उठाने वाला निवेशक हूं. मैं 29 साल का हूं और पिछले सात आठ महीने से निवेश कर रहा हूं. मैंने इन तीन म्यूच्यूअल फंड स्कीम में SIP के जरिए निवेश शुरू किया है:

ICICI Prudential Technology Fund: Rs10,000
Quant Mid Cap Fund: 5,000
Small Cap Fund: 5,000

उन्होंने पूछा है कि मैंने कुछ निवेश शेयरों में भी किया हुआ है. इस समय मेरा पोर्टफोलियो ₹6,00,000 का है. अगर पिछले सात आठ महीने की अवधि की बात करें तो मुझे एक से डेढ़ फीसदी रिटर्न मिला है. मैं अगले 10 साल में दो करोड़ रुपए का फंड बनाना चाहता हूं. कृपया मुझे यह बताएं कि मुझे कहां निवेश करना चाहिए?

इस सवाल का जवाब हमारे म्यूचुअल फंड एक्सपर्ट ने दिया है. एक्सपर्ट ने कहा है, आपने एक टेक्नोलॉजी स्कीम, एक मिडकैप और स्मॉलकैप स्कीम में निवेश किया है. यह सभी कैटेगरी काफी जोखिम भरी है और सिर्फ एग्रेसिव निवेशक के लिए ही सूटेबल है, नए निवेशक के लिए यह कैटेगरी ठीक नहीं है.

एक्सपर्ट ने कहा है कि म्यूचुअल फंड में निवेश (MF Investment Tips) के लिए आपके पास शेयर बाजार की जानकारी होनी चाहिए और शेयरों के बारे में रिसर्च करना आना चाहिए. आपको सीधे शेयरों में निवेश नहीं करना चाहिए, इससे आपको नुकसान हो सकता है.

शेयर बाजार से रिटर्न पाने का सबसे अच्छा तरीका लंबी अवधि तक नियमित तरीके से निवेश करना है. सालाना 12% रिटर्न की बात करें तो अगले 10 साल में ₹2 दो करोड़ रुपए जुटाने के लिए आपको ₹86,000 का निवेश करने की जरूरत है.

आपको निवेश उन विकल्पों में करना चाहिए जो आपके निवेश के उद्देश्यों को पूरा करते हों. इसके साथ ही आपको अपने जोखिम उठाने की क्षमता का भी ध्यान रखना चाहिए. आप लार्ज कैप स्कीम में निवेश कर सकते हैं. इसमें अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश बिना अतिरिक्त जोखिम के अच्छा रिटर्न कमाने (MF Investment Tips) की संभावना अधिक होती है.

Mutual Fund Investment: फंड ऑफ फंड में अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश पैसे लगाना कितना सही? जानिए किन परिस्थितियों में इसमें निवेश पर अधिक मुनाफे की है गुंजाइश

Mutual Fund Investment: फंड ऑफ फंड (FoF) निवेशकों के लिए रेगुलर फंड्स के अतिरिक्त निवेश विकल्प है.

Mutual Fund Investment: फंड ऑफ फंड में पैसे लगाना कितना सही? जानिए किन परिस्थितियों में इसमें निवेश पर अधिक मुनाफे की है गुंजाइश

म्यूचुअल फंड के प्रति निवेशकों का आकर्षण बढ़ रहा है.

Mutual Fund Investment:अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश म्यूचुअल फंड के प्रति निवेशकों का आकर्षण बढ़ रहा है. अब मान लेते हैं कि आपने किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में पैसे लगाए हैं और फंड मैनेजर उस पैसे से किसी कंपनी के शेयर या डेट सिक्योरिटीज खरीदने की बजाय उस पैसे को किसी अन्य म्यूचुअल फंड स्कीम में पैसे लगाता है. इस केस में आपके पैसे फंड ऑफ फंड (FoF) स्कीम में लगते हैं और यह निवेशकों के लिए रेगुलर फंड्स के अतिरिक्त निवेश विकल्प है.

फंड ऑफ फंड का फंड मैनेजर आपके पैसे से किसी अन्य म्यूचुअल फंड स्कीम के यूनिट्स की खरीदारी करता है. यह कई प्रकार के हो सकते हैं जैसे कि गोल्ड फंड ऑफ फंड, इंटरनेशनल ईटीएफ में निवेश करने वाला एफओएफ, मल्टी-एसेट एफओएफ का मल्टी मैनेजर एफओएफ.हालांकि अब यहां सवाल यह उठता है कि क्या फंड ऑफ फंड में पैसे लगाना सही है और इसमें किन परिस्थितियों में निवेश करना चाहिए? यहां उन परिस्थितियों के बारे में स्क्रिपबॉक्स के मुख्य निवेश अधिकारी अनूप बंसल ने जानकारी दी है कि कब एफओएफ में पैसे लगाने चाहिए और कब नहीं.

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निवेश कर अमीर बनने के ये हैं 10 बेहतरीन विकल्प

सचाई यह है कि कम जोखिम के साथ बेहतरीन रिटर्न नहीं कमाया जा सकता. वास्तव में जहां रिटर्न अधिक होगा, वहां जोखिम भी अधिक होगा.

निवेश कर अमीर बनने के ये हैं 10 बेहतरीन विकल्प

निवेश के किसी विकल्प को चुनते वक्त आपको जोखिम उठाने की अपनी क्षमता के बारे में जानना-समझना जरूरी है. कुछ निवेश ऐसे हैं जिनमें लंबी अवधि में अधिक जोखिम के साथ अधिक रिटर्न का मौका मिलता है.

निवेश के वास्तव में दो तरीके हैं-वित्तीय और गैर वित्तीय निवेश विकल्प.

इसे भी पढ़ें: कैसे ट्रांसफर करें PPF अकाउंट?

वित्तीय प्रोडक्ट में आप शेयर बाजार से संबद्ध विकल्प (शेयर, म्यूचुअल फंड) चुन सकते हैं या फिक्स्ड इनकम (PPF, बैंक FD आदि) के विकल्प चुन सकते हैं. गैर वित्तीय निवेश विकल्प में सोना, रियल एस्टेट आदि आते हैं. ज्यादातर भारतीय निवेश अब तक निवेश के इसी गैर वित्तीय निवेश विकल्प का प्रयोग करते रहे हैं.

हम आपको यहां बता रहे हैं निवेश के शीर्ष 10 विकल्प:

शेयरों में निवेश
हर किसी के लिए शेयरों में सीधे निवेश करना आसान नहीं है. इसमें रिटर्न की कोई गारंटी भी नहीं है. सही शेयरों का चुनाव मुश्किल काम है, इसके साथ ही शेयर की सही समय पर खरीदारी और सटीक वक्त पर निकलना महत्वपूर्ण है. निवेश के अन्य विकल्पों की तुलना में शेयर में लंबी अवधि में रिटर्न देने की क्षमता सबसे अधिक होती है.

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इक्विटी म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड की यह कैटेगरी शेयरों में निवेश से ही रिटर्न कमाती है. सेबी के निर्देश के मुताबिक जो म्यूचुअल फंड स्कीम अपने फंड का 65% शेयरों में निवेश करती है, वह इक्विटी म्यूचुअल फंड कहलाती है. इसमें एक फंड मैनेजर होता है जो पर्याप्त रिसर्च के बाद निवेश के लायक शेयर चुनता है और उसमें निवेश करता है.

इक्विटी स्कीम बाजार पूंजीकरण या सेक्टर के हिसाब से अलग हो सकती हैं. इस अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश समय इक्विटी म्यूचुअल फंड का एक, तीन या पांच साल का रिटर्न 15फीसदी सालाना के हिसाब से रहा है.

डेट म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड की यह कैटेगरी उन निवेशकों के लिए सही है जो निवेश से गारंटीड रिटर्न कमाना चाहते हैं. ये म्यूचुअल फंड कॉरपोरेट बांड्स, सरकारी सिक्योरिटीज, ट्रेजरी बिल्स, कमर्शियल पेपर आदि में निवेश से रिटर्न कमाती है. इस समय डेट म्यूचुअल फंड का एक, अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश तीन या पांच साल का रिटर्न 6.5, 8 और 7.5 फीसदी सालाना के हिसाब से रहा है.

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
नेशनल पेंशन सिस्टम (nps) का प्रदर्शन पिछले कुछ सालों में अच्छा रहा है. बहुत कम फीस स्ट्रक्चर भी इसे निवेश का आकर्षक विकल्प बनाता है. बाजार से जुड़े उत्पादों में देश में यह सबसे कम खर्च वाला प्रोडक्ट है. निकासी संबंधी नियमों में बदलाव और अतिरिक्त टैक्स-छूट की वजह से भी यह निवेशक की पसंद में शामिल हो गया है.

एनपीएस बच्चों की शिक्षा, शादी, घर बनाने या किसी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में आंशिक निकासी की सुविधा देता है. इसमें हालांकि रिटायरमेंट के बाद भी आपको निवेश में बने रहना जरूरी होता है. यह वास्तव में शेयर, FD, कॉरपोरेट बांड, लिक्विड फंड और सरकारी निवेश विकल्प का मिला जुला रूप है.

इस समय NPS का एक, तीन या पांच साल का रिटर्न 9.5, 8.5 और 11 फीसदी सालाना के हिसाब से रहा है.

पीपीएफ
देश में निवेशकों के बीच पीपीएफ सर्वाधिक लोकप्रिय बचत योजनाओं में से एक है. इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80C के तहत किसी एक वित्त वर्ष में आप पीपीएफ में 1.5 लाख रुपये के निवेश पर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं.

निवेश के इस विकल्प की सबसे अच्छी बात यह है कि यह आपको EEE (निवेश के वक्त करमुक्त, ब्याज पर करमुक्त, निवेश भुनाने पर करमुक्त) का लाभ देता है.
निवेश के इस विकल्प में सरकारी गारंटी इसकी लोकप्रियता को और बढ़ा देती है.

बैंक FD
बैंक या पोस्ट ऑफिस में कराई जाने वाली टैक्स सेविंग FD से आप निवेश के वक्त सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचा अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश सकते हैं. यह निवेश का सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न वाला विकल्प है. इस पर मिलने वाले ब्याज पर आपको इनकम टैक्स स्लैब अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ता है.

डिपाजिट इंश्योरेंस एवं क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन के हिसाब से आपकी एक लाख रुपये तक की जमा रकम बीमित है.

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS)
पोस्ट ऑफिस की तरफ से बेस्टसेलर के रूप में यह स्कीम रिटायर्ड लोगों के लिए निवेश का पसंदीदा स्रोत है. यह सेवानिवृत लोगों के लिए आय का नियमित स्रोत भी है. इस स्कीम की अवधि पांच साल अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश है जिसे तीन साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है.

इसमें हालांकि प्रति व्यक्ति 15 लाख रुपये की अधिकतम निवेश सीमा अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश है. यह 60 साल से अधिक उम्र के निवेशकों के लिए ही खुली है, हालांकि सेना से रिटायर मेंट लेने वाले लोगों के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है.

विशेषज्ञों का मानना है कि जीवन भर की बचत को पार्क करने और उस पर कमाई के हिसाब से यह स्कीम बेहतरीन है. यह सेवानिवृत लोगों की जरूरत के हिसाब से बनाया गया है.

रिजर्व बैंक के टैक्सेबल बांड्स
पहले इस स्कीम में आठ फीसदी सालाना का ब्याज मिलता था जिसे सरकार ने बदल कर अब 7.75 फीसदी ब्याज अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश वाला विकल्प बना दिया है. इस बांड में पांच साल के लिए निवेश किया जा सकता है.

रियल एस्टेट
खुद के रहने के हिसाब से घर खरीदना अब निवेश के लिहाज से भी आकर्षक विकल्प बनकर उभरा है. अगर आपको रहने की जरूरत नहीं है तो आप निवेश के हिसाब से भी दूसरा घर खरीद सकते हैं. निवेश के इस विकल्प में आपको सिर्फ प्रॉपर्टी की लोकेशन और वहां मौजूद सुविधाओं का ध्यान रखने की जरूरत है.

इसमें निवेश से आप पूंजी में इजाफा और किराये से आमदनी, दो तरीके से रिटर्न कमा सकते हैं.

सोना
निवेश का यह विकल्प सदियों से भारतीयों की पसंद में शामिल है, पहनने के लिए खरीदी जाने वाली ज्वेलरी से लेकर निवेश के रूप में खरीदे गए सिक्के और बार तक, सोना बिना किसी संदेह के भारतीयों की पसंद में सबसे ऊपर है. अब आप पेपर गोल्ड के रूप में भी सोने में निवेश कर सकते हैं.

गोल्ड ETF में निवेश करना और भुनाना दोनों ही शेयर बाजार के जरिये होता है.

आप क्या करें
निवेश के कुछ विकल्प शेयर बाजार से संबद्ध हैं तो कुछ निश्चित ब्याज वाले हैं. आप जोखिम लेने की अपनी क्षमता के हिसाब से ही रिटर्न की उम्मीद रखें.

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