25 महत्वपूर्ण स्टॉक मार्किट टर्म्स

इस ब्लॉग में, हम नए निवेशकों के लिए एक प्रारंभिक मार्गदर्शिका (Elementary guide) प्रस्तुत करने जा रहे हैं, जिससे उन्हें शेयर बाजार में उपयोग किए जाने वाले आधारभूत महत्वपूर्ण शब्दों को समझने में सहायता मिल सकेगी।

तो, आइए, प्रारंभ करते हैं:

शेयर बाज़ार क्या है?

शेयर बाजार एक प्रकार का एक्सचेंज है जो व्यापारियों को शेयरों को खरीदने और बेचने के साथ-साथ कंपनियों को नये शेयर जारी करने की अनुमति देता है

एक शेयर कंपनी की इक्विटी का प्रतिनिधित्व करता है| शेयर बाजार मुख्य रूप से दो उद्देश्यों को पूरा करता है।

सबसे पहले कंपनियों को पूंजी प्रदान करना ताकि वे अपने व्यापार के विस्तार के लिए इस फंड का उपयोग कर सकें।

इसका दूसरा उद्देश्य निवेशकों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों के लाभ में हिस्सेदारी का अवसर प्रदान करना है।

अपनी आवश्यकता और पसंद के अनुसार विभिन्न ऑनलाइन वित्त पाठ्यक्रमों की एक झलक प्राप्त शेयर बाजार में खरीदना और बेचना करें।

शेयर व्यापार की पारिभाषिक शब्दावली का क्या अर्थ है?

शेयर बाजार की पारिभाषिक शब्दावली में उद्योग-विशिष्ट शब्द शामिल होते हैं जो अक्सर उपयोग किए जाते हैं जब हम शेयर बाजार के बारे में पढ़ते हैं या बात करते हैं।

विशेषज्ञ और नए निवेशक अक्सर इन शब्दों का उपयोग रणनीतियों, चार्ट, सूचकांक और शेयर बाजार के अन्य तत्वों के बारे में बात करने के लिए करते हैं।

नीचे शेयर बाजार में अक्सर उपयोग किए जाने वाले आधारभूत शब्दों की एक प्रारंभिक मार्गदर्शिका दी गई है:

1. खरीदना – इसका अर्थ है कि शेयरों को खरीदना या किसी कंपनी में स्थान प्राप्त करना।

2. बेचना – शेयरों से छुटकारा पाना क्योंकि आपने अपना लक्ष्य प्राप्त कर लिया है या आप हानि को कम करना चाहते हैं।(घाटे में कटौती करना चाहते हैं।)

3. आस्क – इसका अर्थ है कि जो लोग अपने शेयरों को बेचना चाहते हैं वे अपने शेयरों के लिए शेयर बाजार में खरीदना और बेचना कितना मूल्य प्राप्त करना चाहते हैं।

4. बिड – बिड वह है, जो आप एक शेयर को खरीदने के लिए भुगतान करने के लिए तैयार हैं।

5. आस्क-बिड स्प्रेड- स्प्रेड यह अंतर है कि लोग क्या खर्च करना चाहते हैं और लोग क्या प्राप्त करना चाहते हैं

6. बुल – एक बुल मार्केट, एक बाजार स्थिति है जहां निवेशक मूल्यों के बढ़ने की उम्मीद करते हैं।

7. बेयर – एक बेयर बाजार, एक बाजार स्थिति है जहां निवेशक मूल्यों में गिरावट की उम्मीद करते हैं।

8. लिमिट ऑर्डर – एक लिमिट ऑर्डर एक प्रकार का ऑर्डर है, जो खरीदने या बेचने के लिए तय किए गए मूल्य पर निष्पादित होता है।

9. मार्केट ऑर्डर – एक शेयर बाजार में खरीदना और बेचना मार्केट ऑर्डर एक प्रकार का ऑर्डर है जो बाजार मूल्य पर जल्द से जल्द निष्पादित करता है।

10. डे ऑर्डर – एक डे ऑर्डर एक ब्रोकर के लिए दिशा-निर्देश है कि एक ट्रेड को उस विशिष्ट मूल्य पर निष्पादित करे जो कि ट्रेडिंग दिवस के अंत में समाप्त होता है, यदि यह जटिल नहीं है।

11. वोलाटिलिटी – इसका अर्थ है कि एक शेयर कितनी तेजी से उठता या गिरता है।

12. गोइंग लॉन्ग – शेयरों के मूल्य पर सट्टेबाजी बढ़ेगी जिससे आप कम खरीद सकते हैं और अधिक बेच सकते हैं।

13. एवरेजिंग डाउन – यह तब होता है जब एक निवेशक किसी गिरते हुए शेयर को खरीदता है, जिससे कि खरीदे गए मूल्य को बढ़ाया जा सके।

14. पूंजीकरण – यह बाजार के अनुसार कंपनी का मूल्य होता है|

15. फ्लोट – यह उन शेयरों की संख्या है जिनका इनसाइडर के पास रखे शेयरों को हटाने के बाद, ठीक-ठीक व्यापार शेयर बाजार में खरीदना और बेचना किया जा सकता है।

16. अधिकृत शेयर – यह उन शेयरों की कुल संख्या है, जिनका एक कंपनी व्यापार कर सकती है।

17. आईपीओ – ​​यह एक प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव है जो तब होता है जब एक निजी कंपनी सार्वजनिक रूप से व्यापार करने वाली कंपनी बन जाती है।

18. द्वितीयक प्रस्ताव – यह अधिक शेयरों को बेचने और जनता से अधिक धन जुटाने के लिए एक अन्य प्रस्ताव है।

19. लाभांश – कंपनी की आय का एक भाग जो शेयरधारकों को भुगतान किया जाता है।

20. ब्रोकर – एक ब्रोकर वह व्यक्ति होता है जो आपकी ओर से शेयरों खरीदता या बेचता है।

21. एक्सचेंज – एक एक्सचेंज वह स्थान है जहां विभिन्न प्रकार के निवेश किए जाते हैं।

22. पोर्टफोलियो – आपके द्वारा किए गए निवेशों का एक संग्रह।

23. मार्जिन – मार्जिन खाता किसी व्यक्ति को शेयर खरीदने के लिए ब्रोकर से धन उधार लेने देता है।

24. सेक्टर – एक ही सेक्टर में शेयरों का समूह।

25. स्टॉक सिंबल – यह एक से तीन अक्षरों तक का एक प्रतीक होता है, जो एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनी को प्रदर्शित करता है।

शेयर बाजार की उपरोक्त पारिभाषिक शब्दावली के बारे में जानने से आप एक बेहतर व्यापारी बन जाएंगे।

प्रतिभूतियों के व्यापार की जटिलताओं को समझने के लिए समय के साथ-साथ समर्पण भी चाहिए होता है, लेकिन जब इसे आप करते हैं, तो शेयर व्यापार की पारिभाषिक शब्दावली आपकी दैनिक शब्दावली का एक हिस्सा बन जाएगी।

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पर्सनल फाइनेंस: शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो जानिए इन 5 नियमों के बारे में, आपको खतरे से बचा सकते हैं

शेयर बाजार में निवेश से पैसा बनाने की संभावना एक ऐसा आइडिया है, जो हर नए निवेशक को उत्साहित करता है। साथ ही उन लोगों के लिए भी जो कम अवधि में फायदा कमाना चाहते हैं। हालांकि जब बाजार उतार-चढ़ाव के माहौल में हो, तब किसी भी तरह के तुरंत रिटर्न की संभावना काफी कम हो जाती है। ऐसे में आपको हम बता रहे हैं कि निवेश के समय कौन से नियम का आपको पालन करना चाहिए।

खुद निर्णय न लें

एंजल ब्रोकिंग के इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट ज्योति रॉय कहते हैं कि आप खुद निर्णय लेकर अपने लाभ को बढ़ाने के लालच को छोड़ दीजिए। पोर्टफोलियो मैनेजर्स और एक्सपर्ट्स की सलाह पर ध्यान दें। सतर्कता से व सोच-समझकर निवेश करें।

डिविडेंड पर ध्यान दीजिए

जब भी किसी कंपनी के शेयरों में निवेश किया जाता है, तो निवेशक कंपनी के अच्छे प्रदर्शन से लाभ पाने के योग्य होते हैं। जब मुनाफा हो रहा हो तो कंपनियां अक्सर यह तय करती हैं कि वे अपने शेयरधारकों के साथ अपने मुनाफे को बांटें। यह आम तौर पर मुनाफे के एक हिस्से को शेयर करना है, जिसे वे भविष्य के लिए बचाकर रख सकते हैं।

डिविडेंड आमतौर पर वही होता है जो कंपनी आपके द्वारा अर्जित प्रत्येक शेयर पर देने का निर्णय करती है। कंपनियों के रिकॉर्ड और उनके लाभ को जानकर आप अपने निवेश के निर्णय ले सकते हैं।

विविधता पर फोकस करें

यह सबसे स्पष्ट उपाय है, जिसे निवेशकों को आजमाना चाहिए। यह उन्हें अक्सर उतार-चढ़ाव वाले बाजार में बने रहने में सुरक्षा देता है। अधिक जोखिम लेने वाले निवेशक निवेश को कंपनी के शेयरों के हालिया प्रदर्शन ट्रेंड्स के आधार पर देखते हैं। हालांकि इन निर्णयों के समय सलाहकार की मदद काम आ सकती है।

अलग-अलग साधनों में निवेश करें

प्रसिद्ध कहावत है- ‘अपने सभी अंडों को एक टोकरी में नहीं रखना चाहिए’। निवेशकों को इसी का पालन करना चाहिए। एक संतुलित पोर्टफोलियो का निर्माण तभी हो सकता है जब आप अपने शेयर बाजार में खरीदना और बेचना निवेश को कई सेक्टर में निवेश करें। बाजार आर्थिक उथल-पुथल से गुजर रहा है। निवेशकों की भावनाओं में उतार-चढ़ाव हो रहा है। इससे अनिश्चितता बढ़ रही है। यदि पोर्टफोलियो में विविधता रहती है तो गारंटीड रिटर्न प्राप्त करने में मदद मिलती है।

कंपनियों का विश्लेषण करना

फाइनेंशियल सिस्टम के बारे में जानकारी हासिल करना चाहिए। कब स्टॉक खरीदना है और कब बेचना है, उसे समझें। औसत बाजार के रुझान को समझना आपके लिए आधा काम पूरा कर सकता है। निवेशक अक्सर सेक्टोरल ट्रेंड्स, ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक और कंपनी की घोषणाओं की तुलना करने की गलती करते हैं। बहुत से लोग यह नहीं जानते कि कंपनी की आंतरिक गतिविधियों पर भी बहुत कुछ तय होता है।

कंपनी के मामलों पर नजर रखें

कंपनी के कैश-फ्लो, खर्चों, राजस्व, और उसके निर्णयों को समझना कई पहलुओं में से कुछ एक हैं, जिन पर लोगों को लंबी अवधि के निवेश करने के लिए तैयार होने पर पूरी तरह से रिसर्च करने की आवश्यकता है। निवेशकों के लिए ऐसे पहलुओं पर अपने पोर्टफोलियो मैनेजर्स से सलाह लेना बेहतर होगा, क्योंकि इसमें गहन अध्ययन शामिल है।

सट्टेबाजी से प्रेरित फैसले न लें

अक्सर लोगों को सट्टेबाजी से लाभ होता है और वह इसे ही आधार बना लेते हैं। निरंतर रिटर्न हासिल करने के लिए सट्टेबाजी अच्छा विकल्प नहीं है। यह निरंतर रिटर्न में हानिकारक हो सकता है। बाजार की अटकलों और अफवाहों को फॉलो करना जोखिम हो सकता है। निवेश के प्रमुख तरीकों में से यह भी जानना चाहिए कि न्यूज रिपोर्टों पर फैसला न लें। यह आवश्यक है कि कंपनी के संकट के समय में अपने पोर्टफोलियो को मिस मैनेज न करें और भावनात्मक निर्णय लेकर अपने शेयरों को नहीं बेचें।

कैसे और कब बेचना है

कुछ निवेशकों में जोखिम लेने की ज्यादा चाहत होती है। उनमें कम अवधि के ट्रेड के लिए एक उत्साह हो सकता है। यह संपत्ति बढ़ाने में महत्वपूर्ण हो सकता है। विशेषज्ञों का तर्क है कि यह युवा निवेशकों के लिए अधिक उपयुक्त है। ये निर्णय अक्सर बाजार में उतार-चढ़ाव से जुड़े होते हैं, न कि किसी उद्योग या कंपनी की लंबी अवधि की रणनीति का हिस्सा होते हैं। यहां तक कि रिटर्न की भी गारंटी नहीं है, क्योंकि यह सट्टा खेलने जैसा है।

जो लोग लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं, उन्हें बाजार के कम समय के उतार-चढ़ाव या स्टॉक ऑप्शन की मूल्य स्थिरता के आधार पर अपनी खरीदारी या बिक्री का निर्णय नहीं लेने चाहिए। लार्ज-कैप निवेश पर नजर रखते हुए मिड-कैप और स्मॉल कैप निवेशों को छोटे अनुपात में रखना चाहिए। इस तरह जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेना चाहिए।

Share market क्या होता है? शेयर मार्केट में पैसा निवेश कैसे करें

पहले यह समझना जरूरी हैं कि Share Market क्या है और इसमें क्या होता हैं? Share Market को Stock Market या Equity Market भी कहा जाता हैं। यह वह जगह होती हैं जहाँ विभिन्न कंपनियों के शेयर्स खरीदने और बेचे जाते हैं।

लेकिन यह कोई सामान्य बाजार जैसा नहीं हैं, डिजटाइलेजशन के बाद तो बिल्कुल नहीं हैं। भारत मे मुख्य रूप से 2 शेयर मार्केट हैं, जो इस प्रकार हैं:

BSE : बीएसी का पूरा नाम मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) है, जो भारत का सबसे पुराना आधिकारिक शेयर बाजार भी है। मुंबई स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1875 में कई जा चुकी हैं।

NSE : एनएसी का फुल फॉर्म नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (National Stock Exchange of India) हैं जिसकी स्थापना 1992 में हुई थी लेकिन इसमे ट्रेडिंग की शुरुआत 1994 में हुई थी।

सरल भाषा में शेयर बाजार को समझा जाए तो शेयर बाजार एक ऐसा बाजार होता है, जहां पर काफी सारी कंपनियां लिस्टेड होती है और उनके शेयर खरीदे हुए बेचे जाते हैं। शेयर की कीमत कंपनी की वैल्यू, प्रॉफिट, लॉस और डिमांड और सप्लाई जैसे नियमों पर आधारित होती है।

आप कंपनी के जितने शेयर खरीदते हैं, उतने ही आप कंपनी के मालिक माने जाते हैं। यही कि अगर आपने किसी कंपनी के 1% शेयर खरीदे तो आप उस कंपनी के 1% मालिक होंगे।

शेयर बाजार कैसे काम करता हैं? How Share Market Works in Hindi?

अब क्योंकि आप समझ चुके हैं कि शेयर बाजार क्या है और इसमें क्या होता है तो आपका यह जानना भी जरूरी है कि शेयर बाजार कैसे काम करता है?

सबसे पहले तो आपको यह जानना होगा कि किसी भी कम्पनी के शेयर या फिर कहा जाए तो स्टॉक कम्पनी की ओनरशिप इक्विटी को दर्शाते हैं।

अर्थात आप कम्पनी के जितने प्रतिशत शेयर के मालिक होंगे, आपका कम्पनी पर उतना ही अधिकार होगा। इसके अलावा कैपिटल गेन और डिविडेंट्स के रूप में कम्पनी की कॉरपोरेट इनकम पर भी शेयर होल्डर का अधिकार होता हैं।

शेयर बाजार में विभिन्न कम्पनियो के लिमिटेड स्टॉक्स लिस्टेड किये जाते हैं, जिनपर ट्रेडिंग की जाती हैं अर्थात उन्हें ख़रीदा और बेचा जाता हैं। शेयर बाजार की पूरी गणित डिमांड और सप्लाई के नियम पर आधारित हैं।

अगर डिमांड अधिक है और सप्लाई कम हैं तो शेयर की कीमत बढ़ती है और अगर डिमांड कम है और सप्लाई अधिक हैं तो शेयर की कीमत घटी हैं।

वैसे शेयर बाजार में खरीदना और बेचना तो शेयर की कीमत घटना और बढ़ना कई बातों पर डिपेंड करता है लेकिन वह भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डिमांड और सप्लाई के नियम पर ही निर्भर करती है।

शेयर मार्केट से पैसे कैसे कमाते हैं? How to Earn Money from Share Market in Hindi

अब तक आप समझ चुके होंगे कि शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है? तो अब बारी है शेयर बाजार से पैसे कमाने की प्रोसेस को समझने की। शेयर बाजार से पैसे कमाना बिल्कुल रियल एस्टेट से पैसे कमाने जैसा है।

रियल एस्टेट में आप कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं और विभिन्न कारणों से और इन्फ्लेशन के साथ उस प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ती है। जब आप उसे बेचते हैं तो आपको प्रॉफिट मिलता है और यह प्रॉफिट आपकी कमाई होती है।

जो आपको आपके इन्वेस्टमेंट से मिली है। लेकिन अगर आप गलत जगह पर अधिक कीमत में प्रॉपर्टी खरीदेंगे और उसे कम कीमत में बेचेंगे तो आपको लॉस होगा।

बिल्कुल ऐसा ही शेयर बाजार में भी होता है। डिमांड और सप्लाई की वजह से शेयर बाजार में शेयर की कीमत घटती और बढ़ती रहती है। जब भी किसी चीज की कीमत घटती है तो उसमें निवेश करके अच्छा प्रॉफिट भी प्राप्त किया जा सकता है और लॉस होने की संभावनाएं भी रहती है।

शेयर बाजार में जब आप किसी स्टॉक को कम कीमत में खरीदकर अधिक कीमत में बेचते हो तो आपको प्रॉफिट मिलता है और वह प्रॉफिट आपकी कमाई होता है। इसी तरह से शेयर बाजार से पैसे कमाए जाते हैं।

ऐसा नहीं है कि शेयर बाजार में घाटे की संभावना नहीं रहती लेकिन अगर आप रिसर्च के साथ क्वालिटी स्टॉक्स में निवेश करोगे तो प्रॉफिट की संभावना अधिक रहेगी।

शेयर बाजार में इन्वेस्ट कैसे करें? How to Invest in Share Market in Hindi

शेयर बाजार के बारे में काफी कुछ समझ शेयर बाजार में खरीदना और बेचना चुके हैं और अब आपको यह निर्णय करना है कि आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं या फिर नहीं।

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि शेयर बाजार में इन्वेस्ट कैसे करते हैं? (How to Invest in Share Market in Hindi)? शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना कोई मुश्किल बात नहीं है और आप घर बैठे हुए आसानी से ही अपने पसंदीदा कंपनी के स्टॉक्स खरीद सकते हैं।

शेयर मार्केट में निवेश करना आसान हैं और अब तो शेयर मार्केट मे पूरा डिजिटलाइजेशन हो चुका है तो आप आसानी से अपने स्मार्टफोन की मदद से बाजार में निवेश कर सकते है।

शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए आपको मुख्य रूप से तीन चीजों की आवश्यकता होती है:

  • • आधार कार्ड और पैन कार्ड
  • • सेविंग्स अकाउंट
  • • इंटरनेट कनेक्शन और इंटरनेट सक्षम डिवाइस (Internet-enabled devices)

अगर आपके पास यह तीनों हैं तो आप शेयर मार्केट में निवेश करना शुरू कर सकते हो। लेकिन कैसे? आइये जानते हैं Step by Step प्रोसेस।

सबसे पहले किसी ट्रेडिंग एप्प का चुनाव करे

शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए आपको सबसे पहले किसी ट्रेडिंग एप का चुनाव करना होगा। Play Store या App Store पर Zerodha, Groww और Angel Broking जैसे कई विश्वसनीय Stock Trading App हैं।

यह सभी ब्रोकर कंपनियां हैं, जो शेयर मार्केट में शेयर खरीदने और बेचने के लिए कुछ ब्रोकरेज चार्ज देती है। इनके Apps के माध्यम से आप आसानी से शेयर बाजार में निवेश कर सकते हो।

डीमैट अकाउंट Open करे

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए अर्थात शेयर खरीदने और बेचने के लिए आपको डिमैट अकाउंट खुलवाना होता हैं। डिमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है।

जहां पर आपके स्टॉक्स को रखा जाता है। डिमैट अकाउंट खोलने के लिए आपको कोई अलग प्रोसेस फोलो करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जिन एप्स (ब्रोकर) के बारे में हमने आपको बताया आप इन्हीं के माध्यम से आसानी से अपने स्मार्टफोन में ही डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं।

Savings Account जोड़े और Trading शुरू करे

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने जा रहे हो तो इसके लिए आपको पैसे भी चाहिए ही होंगे। क्योंकि आज के समय मे हम इलेक्ट्रॉनिक रुप से शेयर्स खरीदते है और सब काम वर्चुअल किए जाते हैं तो आपको अपने डिमैट अकाउंट से सेविंग अकाउंट्स को जोड़ना होगा ताकि शेयर खरीदने के लिए आप फंड ट्रांसफर कर सको।

Savings Account को Demat Account से जोड़ने के बाद आप Share खरीदना और बेचना शुरू कर सकते हो। इस तरह से आप आसानी से घर बैठे हुए शेयर बाजार में निवेश कर सकते हो।

अंत में

हमने जाना कि शेयर मार्केट क्या होता है और कैसे काम करता है। इसके साथ ही हमने यह भी जाना कि हम कैसे अपने मोबाइल फ़ोन से शेयर मार्केट में पैसा निवेश कर सकते है।

शेयर मार्केट में पैसा निवेश करने के लिए हमें कुछ छोटे से काम करने होते है। जिसको हम अपने घर से मोबाइल पर कर सकते है। आपको यह जानकारी कैसी लगी आप हमें जरूर बताए।

शेयर मार्किट से पैसे कैसे कमाए - Share market in hindi

इस पोस्ट में आप जानेगे की शेयर मार्किट क्या होता है और शेयर मार्किट में पैसे कैसे लगाते है और डीमैट अकाउंट क्या होता है और कैसे खोले।

शेयर मार्किट से पैसे कैसे कमाए - Share market in hindi

अगर शाब्दिक अर्थ में कहें तो शेयर बाजार (Stock Market) किसी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने-बेचने की जगह है. भारत में बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक शेयर बाजार में खरीदना और बेचना एक्सचेंज (NSE) नाम के दो प्रमुख शेयर बाजार हैं. BSE या NSE में ही किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं.

कम्पनियां शेयर्स कैसे Issue करती हैं?: सबसे पहले कंपनियां अपने शेयर्स की स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग करवाकर IPO (Initial Public Offering) लाती है और अपने शेयर्स स्वंय द्वारा निर्धारित किये हुए मूल्य पर Public को Issue करती हैं. एक बार IPO पूरा हो जाने के बाद Shares Market में आ जाते हैं और स्टॉक एक्सचेंज और ब्रोकर्स के माध्यम से निवेशकों द्वारा आपस में ख़रीदे और बेचे जाते हैं

शेयर्स की Price कैसे बदलती हैं?: IPO लाते समय शेयर्स की कीमत शेयर बाजार में खरीदना और बेचना कंपनी तय करती हैं लेकिन एक बार आईपीओ पूरा हो जाने के बाद Shares का मूल्य मार्केट की Demand और Supply के आधार बदलता रहता है. यह डिमांड और सप्लाई कंपनियों द्वारा समय-समय पर दी गई महत्वपूर्ण जानकारियों के आधार पर Change होती रहती है.आप इसे ऐसे समझ सकते है

अगर शेयर्स ख़रीदने वालो की संख्या बेचने वालो से ज्यादा होगी तो Shares की Price बढ़ेंगे

और उसका अगर उल्टा होता है यानी बेचने वालो की संख्या खरीदने वालो से ज्यादा है तो Price कम होगी

Sensex क्या होता है? Sensex बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक (Index) हैं और Sensex का निर्धारण BSE में लिस्टेड Top 30 Companies के मार्केट कैपिटलाइजेशन (कंपनीयों का कुल मूल्य) के आधार पर किया जाता हैं. अगर सेंसेक्स बढ़ता हैं तो इसका मतलब हैं कि BSE में रजिस्टर्ड ज्यादातर कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया हैं. और इसी तरह अगर सेंसेक्स गिरता हैं तो इसका मतलब यह हैं कि अधिकांश कंपनियों का प्रदर्शन ख़राब रहा हैं.

Nifty क्या हैं? Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक (Index) हैं और इसका निर्धारण NSE में लिस्टेड Top 50 Companies के मार्केट कैपिटलाइजेशन आधार पर किया जाता हैं.अगर Nifty बढ़ता हैं तो इसका मतलब यह हैं कि NSE में रजिस्टर्ड कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया हैं और अगर Nifty घटता हैं तो इसका अर्थ यह हैं कि NSE की शेयर बाजार में खरीदना और बेचना कंपनियों ने बुरा प्रदर्शन किया हैं

Demat Account क्या हैं?: जिस तरह बैंक अकाउंट में रूपये जमा कर सकते हैं उसी तरह Demat Account में आपके निवेश से संबंधी सभी Securities जैसे Share, Bonds, Government Securities, Mutual Funds आदि को Electronic Form में Store किया जाता हैं.

Trading Account क्या हैं?: Trading Account का उपयोग आपके शेयर व्यवसाय में Share Sell and Purchase करने के काम आता है. यह Account आप किसी अच्छे Broker के पास खोल सकते हैं और ऑनलाइन सुविधा होने के कारण आप इस अकाउंट की सहायता से कभी भी शेयर्स खरीद और बेच सकते हैं. zerodha मेरा फेवरिट है क्यूंकि ये भरोसेमंद है और सिक्योर है. मै zerodha में ही ट्रेडिंग करता हूँ.

डीमेट अकाउंट कैसे खोले? ट्रेडिंग और डीमेट अकाउंट खोलने के लिये यह जरुरी है की आप किसी बेस्ट ब्रोकर से ओपन कराए जैसे की Zerodha. आप zerodha में अपने मोबाइल या कंप्यूटर से कुछ ही मिनट्स में demat अकाउंट खोल सकते है और शेयर खरीदना और बेचना शुरू कर सकते है अकाउंट एक्टिवेट होने के बाद. demat और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए इस लिंक पर जाये

फीस और चार्जेज (Zerodha):

  • Free equity delivery All equity delivery investments (NSE, BSE), are absolutely free — ₹ 0 brokerage.
  • Intraday and F&O trades Flat Rs. 20 or 0.03% (whichever is lower) per executed order on intraday trades across equity, currency, and commodity trades.
  • Free direct MF All direct mutual fund investments are absolutely free — ₹ 0 commissions & DP charges.

zerodha में ट्रेडिंग बिलकुल फ्री है आपको कोई फीस या चार्ज नहीं देना है सिर्फ अकाउंट खोलने के लिए 300 रुपये की फीस देनी है. और अगर आप intraday ट्रेडिंग करेंगे तब आपको 20 रुपये पर आर्डर देने होंगे

Demat और Trading Account खोलने के लिए आपको जिन डोक्यूमेंट्स की जरूरत होगी

  1. PAN Card
  2. Aadhar Card
  3. Income Proof (for IPO only)
  4. Cancel Cheque
  5. Signature
  6. Live photo with code

इन सभी दस्तावेज़ों को जमा करते समय इस बात का ध्यान रखें इन सभी प्रमाण पत्रों में आपका नाम सही और स्पष्ट लिखा हो और एक ही तरीके से लिखा हो

शेयर खरीदना और बेचना

सब पहले आपको zerodha पर अपना डीमैट अकाउंट खोल लेना है जो की बहुत आसान है इसके बाद जब आपका डीमैट अकाउंट एक्टिवेट हो जाये तो आप उसमे लॉगिन करके पहले शेयर रिसर्च करेंगे की कोनसी कंपनी के शेयर खरीदने में आपको फायदा होगा।

शेयर आप 2 तरह से खरीदते है एक तो सुबह खरीद कर शाम में बेचने के लिए जिसको इंट्राडे ट्रेडिंग बोलते है और दूसरे शेयर को होल्ड करने के लिए कुछ दिन या महीनों के लिए। दोनों ही तरीके अपनी जगह पर अच्छे है लेकिन लॉन्ग टर्म के लिए शेयर मार्किट में इन्वेस्ट करना बेस्ट होता है जिसमे लॉस कम और फायदा ज़्यादा होता है।

zerodha डैशबोर्ड में आप आसानी से कोई भी कंपनी का शेयर खरीद सकते है और उसको बेच सकते है। शेयर मार्किट के लिए डीमैट अकाउंट कैसे खोले और उसके बाद शेयर कैसे ख़रीदे और कैसे बेचे और शेयर रिसर्च कैसे करे ये सब चीज़े लाइव देखने के लिए आप ये वीडियो देखिये

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