“21d बाइनरी सीडीडी के अनुसार, 9 जुलाई ’22 से 16 अक्टूबर’22 तक, हमने बिटकॉइन के स्थानीय संचय की अवधि देखी। फिर भी, 17 अक्टूबर 22 से 24 नवंबर 22 तक, बिटकॉइन ने एक और स्थानीय वितरण चरण का अनुभव किया, जो $69,000 की उच्च कीमत से पहले के वितरण चरण से भी अधिक शक्तिशाली था।

बिटकॉइन के लाभ का पता नहीं, हानि का अंत नहीं, इसके भविष्य पर भी काले बादल

बिटकॉइन ( P C : Pixabay )

ऐसी कई वित्तीय योजनाएं और विचार हैं जिनके बारे में उसके समर्थक और विरोधी एक दूसरे से विपरीत राय रखते हैं। उदाहरण के लिए कोई कहता है कि सागौन का पौधा लगाना अच्छा रिटर्न देगा। कोई और कहेगा कि इससे कुछ हासिल नहीं होगा।

नई दिल्ली, धीरेंद्र कुमार। कोरोना संकट के बीच बिटकॉइन को लेकर जुनून बढ़ता दिख रहा है। इसके पक्ष और विपक्ष में तरह-तरह के तर्क दिए जा रहे हैं। मगर सच यह है कि बिटकॉइन से अटकलबाजों और अपराधियों को छोड़कर किसी और को कोई फायदा नहीं है। यह कार्बन उत्सर्जन के रूप में भी दुनिया के लिए बड़ा खतरा है। ऐसे में कोई शक नहीं कि बहुत जल्द अधिकतर देशों की सरकारें इसे प्रतिबंधित कर दें।

कोरोना महामारी के बारे में आ रही भयावह खबरों के बीच एक और कहानी चल रही है। यह कहानी है बिटकॉइन की। कोरोना महामारी बिटकॉइन कीमतों के लिए अच्छी रही है और बिटकॉइन को लेकर जूनून बढ़ रहा है। कॉइनबेस ग्लोबल नामक अमेरिकन क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज 14 अप्रैल को अपना आइपीओ लेकर आया। एक दिन एक्सचेंज के कर्मचारियों और संस्थापकों ने जरूर मोटा मुनाफा कमाया, लेकिन इसके बाद स्टॉक का दौर उतना अच्छा नहीं रहा।

हाल ही में मैंने क्या यह बिटकॉइन का अंत है? बिटकॉइन के बारे में एक खबर पढ़ी। इस खबर ने बिटकॉइन को लेकर मेरा ध्यान आकर्षित किया। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आइसीसी) की एंटी करप्शन यूनिट ने जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान हीथ स्ट्रीक के आचरण के बारे में जांच का ब्योरा जारी किया है। इस कहानी में बिटकॉइन की अहम भूमिका है।

दिल्ली के रहने वाले मिस्टर अग्रवाल ने हीथ स्ट्रीक को दो बिटकॉइन का भुगतान किया था। यह भुगतान उन जानकारियों के बदले में था जिनका इस्तेमाल सट्टेबाजी में किया जा सकता था। स्ट्रीक ने बाद में बिटकॉइन 35,000 डॉलर में बेच दिया। उन्हें इसका गहरा अफसोस रहा होगा, क्योंकि दो बिटकॉइन की कीमत बेची गई रकम के तीन गुने से अधिक होगी।

एक दूसरी गैर वित्तीय खबर बिटकॉइन को लेकर है। इसमें रैनसमवेयर हैक्स का उल्लेसख किया गया है। एक दिन कोई इंडिविजुअल या कंपनी पाती है कि उसके कंप्यूटर की सारी फाइल एनक्रिप्टेड है। स्क्रीन पर रैनसम नोट है जिसमें यह निर्देश दिया गया है कि फाइल वापस पाने के लिए बिटकॉइन में कैसे भुगतान करना है।

साफ है कि ज्यादातर पीडि़त भुगतान कर देते हैं। मैं समझता हूं कि बिटकॉइन मिस्टर अग्रवाल, हीथ स्ट्रीक और रैनसमवेयर अपराधियों की जरूरतों पर खरा उतरता है। उनको इस बात के लिए शुक्रगुजार होना चाहिए कि बिटकॉइन की खोज की गई जिससे वे अपना कारोबार ज्यादा सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से चला सकें। अगर ऐसा नहीं होता तो मुझे कहना पड़ता कि बिटकॉइन पूरी तरह से बेकार है।

ऐसी कई वित्तीय योजनाएं और विचार हैं जिनके बारे में उसके समर्थक और विरोधी एक दूसरे से विपरीत राय रखते हैं। उदाहरण के लिए कोई कहता है कि सागौन का पौधा लगाना अच्छा रिटर्न देगा। कोई और कहेगा कि इससे कुछ हासिल नहीं होगा। ये बिल्कुल विपरीत विचार हैं। बिटकॉइन इस तरह से नहीं है। बिटकॉइन के समर्थक और इस पर शक करने वाले इसकी बुनियादी खासियत को लेकर सहमत हैं।

समर्थकों के अनुसार बिटकॉइन बहुत अच्छा है, क्योंकि यह एक करेंसी है जिसे कोई सेंट्रल बैंक या सरकार नियंत्रित नहीं करती है। बिटकॉइन अनजान और ट्रेस न किए जा सकने वाले ट्रांजैक्शन की अनुमति देता है। कोई भी सरल तकनीकी प्रक्रिया का इस्तेमाल करते हुए बिटकॉइन बना सकता है। विरोधी खेमे का कहना है कि बिटकॉइन एक बेकार विचार है।

बिटकॉइन के समर्थक इस बात पर निराशा जताते हैं कि बहुत सी सरकारें इसके प्रति दुश्मनी का रवैया रखती हैं। वास्तव में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर किसी सरकार का दुश्मनी भरा रवैया तार्किक है। दुनिया में हर सरकार अपनी करेंसी और अपने मौद्रिक परिदृश्य पर नियंत्रण रखना चाहेगी।

जो देश ऐसा नहीं कर सकते हैं उनको आर्थिक मोर्चे पर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उदाहरण के लिए जब भी लोग एक करेंसी में भरोसा खो देते हैं, तो वे अपनी असेट किसी और करेंसी में शिफ्ट कर देते हैं। एक तय उम्र पार कर चुके हर भारतीय को वे दिन आज भी याद हैं जब ऐसा नियमित तौर पर होता था।

सबसे बड़ी बात माइनिंग प्रॉसेस की लगातार बढ़ रही बिजली की खपत है। यह बिटकॉइन की अंतर्निहित खासियत है। कैंब्रिज यूनीवर्सिटी की स्टडी में अनुमान लगाया गया है कि बिटकॉइन सालाना 178 टेरावाट की खपत करता है। एक तरफ हम कार्बन फुटप्रिंट और क्लाइमेट इमरजेंसी की लगातार बात करते हैं। वहीं दूसरी तरफ एक ऐसी रकम को बनाने में बड़े पैमाने पर एनर्जी को बरबाद किया जा रहा है जिसका अटकलबाजी और आपराधिक गतिविधियों के अलावा और कोई इस्तेमाल नहीं है।

हाल में ऐसी खबरे आई थीं कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कड़े कदम उठाने जा रही है। इसके तहत भारतीय नागरिकों के पास मौजूद सभी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना था। साफ है कि अभी सरकार की प्राथमिकताएं दूसरी हैं। लेकिन उम्मीद की जानी चाहिए कि आखिरकार सरकार इस तरह के कदम उठाएगी, जिससे दुनिया की दूसरी सरकारें बिटकॉइन को खत्म करने की दिशा में प्रेरित हों।

(लेखक वैल्यू रिसर्च ऑनलाइन डॉट कॉम के सीईओ हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)

बिटकॉइन: क्या यह सर्दियों का अंत है क्योंकि विश्लेषकों का कहना है कि बीटीसी तैयार है …

Bitcoin news

दृढ़ता, तूफानी सत्र, और बार-बार आत्मसमर्पण – ये तीन कुछ चीजें हैं Bitcoin [BTC] क्रिप्टो सर्दी शुरू होने के बाद से निवेशक सहन कर चुके हैं। हालाँकि, जैसे-जैसे 2022 अपने अंत के करीब आएगा, इन निवेशकों की उम्मीदें राहत देने में अटक जाएंगी।

विडंबना यह है कि बीटीसी को एक और गिरावट से निपटना पड़ सकता है, इससे पहले कि भालू सांस लेने की जगह दे सकें, क्रिप्टोकरंसी के विश्लेषक जोआवेडसन मत था .

इतिहास के रूप में जड़ता आंदोलनों की पुनरावृत्ति हो सकती है

विश्लेषक ने अपने प्रकाशन के माध्यम से खुलासा किया कि बिटकॉइन के दीर्घकालिक धारक अपने सिक्कों को फिर से स्थानांतरित कर रहे थे। इस बार बेचना है। इसने औसत डॉर्मेंसी को बढ़ाने के लिए प्रभावित किया।

औसत डॉर्मेंसी अपटिक के आसपास की परिस्थितियों का मतलब था कि कॉइन डेज़ डिस्ट्रॉयड (सीडीडी) की संख्या भी प्रभावित हुई थी। इसलिए, यह बीटीसी मूल्य में एक और गिरावट ला सकता है। यह प्रक्षेपण एक के साथ संरेखित है पहले का पूर्वानुमान बीटीसी के पास एक अंतिम मंदी की कॉल हो सकती है।

बेशक, निष्क्रियता में वृद्धि ने संभावित मूल्य में कमी का संकेत दिया, घाटे का मुकाबला करना एकमात्र संभव परिणाम नहीं था। इतिहास, 2021 की तरह, दिखाता है कि पहले से चली आ रही संपत्तियों में बदलाव से भालू बाजार का अंत हो सकता है।

इस मामले में, बीटीसी पुराने प्रवास के चरणों का क्या यह बिटकॉइन का अंत है? पालन कर सकता है। फिर भी, अगर सिक्का एक और तल तक पहुंचता है तो यह बढ़ी हुई अस्थिरता की धारणा को कम नहीं करता है। ऑल-टाइम हाई (एटीएच), ग्लासनोड से कीमतों में गिरावट का आकलन करने पर दिखाया है कि यह -75.30% था।

ऐतिहासिक रूप से, बीटीसी 2012 (-75.98%), 2015 (-79.29%), और 2020 (-75.46%) में समान स्तर पर था। इन सभी पिछले चक्रों में, बीटीसी तुरंत आसमान नहीं छू पाया क्योंकि यह नीचे गिर गया। उस कारण से, बीटीसी समेकन को सहन कर सकता है क्योंकि इस बीच तेजी से ऊपर की ओर रुझान शुरू नहीं हो सकता है।

बिटकॉइन की कीमत अब तक के उच्चतम स्तर से नीचे आई है

मारक का प्रशासन

एक अन्य क्रिप्टोक्वांट प्रकाशन में, विश्लेषक बारोवर्चुअल ने कहा कि बहुप्रतीक्षित संचय का मौसम जितना सोचा गया था, उससे कहीं अधिक करीब था। उसका बैकअप लेना दावा विश्लेषक ने 21-दिवसीय बाइनरी सीडीडी की ओर इशारा किया।

उनके अनुसार, मीट्रिक प्रदर्शित वितरण कार्य करता है जिसने बीटीसी के एटीएच में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया। बारोवर्चुअल ने कहा,

“21d बाइनरी सीडीडी के अनुसार, क्या यह बिटकॉइन का अंत है? 9 जुलाई ’22 से 16 अक्टूबर’22 तक, हमने बिटकॉइन के स्थानीय संचय की अवधि देखी। फिर भी, 17 अक्टूबर 22 से 24 नवंबर 22 तक, बिटकॉइन ने एक और स्थानीय वितरण चरण का अनुभव किया, जो $69,000 की उच्च कीमत से पहले के वितरण चरण से भी अधिक शक्तिशाली था।

बिटकॉइन बाइनरी सीडीडी

सीडीडी की स्थिति ने विक्रेताओं में थकान का संकेत दिया। इसलिए, यह एक चौतरफा बाजार में सुधार ला सकता है, और संचय धीमा नहीं होगा।

इसके अलावा, बिटकॉइन शुद्ध लाभ और हानि से पता चला है कि अवमूल्यन में अंतर और लाभ अत्यधिक था। ग्लासनोड के अनुसार, शुद्ध घाटा $600 मिलियन से अधिक था, जबकि लाभ बहुत कम था।

विशेष रूप से, प्राप्त लाभ और हानि सबसे कम में से एक थी। यह इंगित करता है कि बिटकॉइन को भालू बाजार के अंत से पहले बिटकॉइन को इस मीट्रिक से संबंधित एक निविदा स्थिति की आवश्यकता होगी।

BitCoin: बिटकॉइन के भाव में उतार-चढ़ाव से आने वाले दिनों के लिए मिल रहा है क्या संकेत

इस साल के अंत तक बिटकॉइन (BitCoin) का भाव $1,25,000 पर पहुंच सकता है। साल 2021 में बिटकॉइन (BitCoin) का भाव $40,000 से ऊपर निकलने के बाद ही डिजिटल करेंसी (Digital Currency) के बारे में यह भरोसे से कहा जा सकता है कि इसने अपना न्यूनतम स्तर (Low) देख लिया है।

bitcoin@120

हाइलाइट्स

  • डिजिटल करेंसी (Digital Currancy) आने वाले दिनों में रिकवरी कर सकती है।
  • मंगलवार को क्रिप्टो करेंसी BitCoin का भाव $36,425 रहा है।
  • पिछले वीकेंड तक BitCoin का भाव $2000 से अधिक बढ़ चुका है।

नई दिल्ली
दुनिया की मशहूर क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन (BitCoin) में निवेश करने वाले इन्वेस्टर (Investors of Cryptocurrency) के लिए पिछला कुछ वक्त बहुत खराब बीता है। पिछले महीने बिटकॉइन (BitCoin) के भाव में आए उतार-चढ़ाव की वजह से यह संकेत मिल रहे हैं कि इस समय वोलेटिलिटी का सामना कर रही डिजिटल करेंसी (Digital Currency) आने वाले दिनों में रिकवरी कर सकती है। मंगलवार को दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी BitCoin का भाव $36,425 रहा है।

न्यूयॉर्क में लगातार दो सत्र में बिटकॉइन (BitCoin) में तेजी दर्ज की गई है। अगर रोजाना के बिटकॉइन (BitCoin) के भाव में उच्च और निचले स्तर की बात करें तो यह स्प्रेड अब इस साल की शुरुआत से अपने सबसे निचले स्तर पर चला गया है। इस बीच अमेरिका से ऐसी खबरें आ रही है कि वित्तीय नियामक क्रिप्टो मार्केट (BitCoin) को नियंत्रित करने में एक्टिव भूमिका निभाने की तैयारी कर रहा है।

बिटकॉइन में रिकवरी
बिटकॉइन (BitCoin) के भाव में पिछले 10 दिन के उतार-चढ़ाव की बात करें तो यह 106 फीसदी पर चला गया है 24 मई को 10 दिन के उतार-चढ़ाव का यह स्तर 162 फीसदी पर था। बिटकॉइन (BitCoin) के बारे में पिछले कुछ दिनों में कई नकारात्मक खबरें आई हैं, इसके बाद भी वीकेंड तक BitCoin का भाव $2000 से अधिक बढ़ चुका है। इंडिपेंडेंट रिसर्च फर्म के सह संस्थापक टॉम ली ने कहा कि इससे हालांकि बिटकॉइन (BitCoin) की रिकवरी में बहुत मदद मिलने की उम्मीद नहीं है।

बिटकॉइन का भाव $1.25 लाख पर
अब बिटकॉइन (BitCoin) के बारे में गलत क्या यह बिटकॉइन का अंत है? खबरें आने के बाद भी इसके भाव में बहुत कमजोरी दर्ज नहीं की जा रही है। ली के मुताबिक इस साल के अंत तक बिटकॉइन (BitCoin) का भाव $125000 पर पहुंच सकता है। क्या यह बिटकॉइन का अंत है? साल 2021 में बिटकॉइन (BitCoin) का भाव $40000 से ऊपर निकलने के बाद ही डिजिटल करेंसी के बारे में यह भरोसे से कहा जा सकता है कि इसने अपना लो (Low) देख लिया है।

निवेशकों को नुकसान
क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) के निवेशकों को यह समझ नहीं आ रहा कि क्या यह बिटकॉइन (Bitcoin) में कमजोरी के ट्रेंड की शुरुआत है या किसी और वजह से इसके भाव में उतार-चढ़ाव दर्ज किया जा रहा है। पिछले 14 अप्रैल को $64,863 का all-time हाई छूने के बाद अब बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमत करीब आधी रह गई है। इसका मतलब यह भी है कि फरवरी से जिन निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी में (CryptoCurrency) निवेश किया है, वह सभी नुकसान उठा रहे हैं।

Bitcoin Latest News: 2021 के अंत तक 1 लाख डॉलर प्रति कॉइन तक पहुंच सकता है बिटकॉइन: एक्सपर्ट

Bitcoin Latest News: जानकारों का मानना है कि 2021 के अंत तक बिटकॉइन की कीमत 1 लाख डॉलर प्रति कॉइन तक पहुंच सकती है. फिलहाल यह 65,000 डॉलर पर है.

Updated: October 21, 2021 4:11 PM IST

India To Ban Bitcoin, Ethereum And Other Cryptocurrencies.

Bitcoin Latest News: अनिश्चितताओं और इसके आस-पास उच्च अस्थिरता के बावजूद, बिटकॉइन (Bitcoin) ने पहली बार प्रति सिक्का 65,000 डॉलर को पार कर लिया है. उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार, सबसे अधिक मांग वाली क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) इस साल के अंत तक 100,000 डॉलर के निशान को छू सकती है. वैश्विक स्तर पर, विशेष रूप से भारत में इसके बढ़ते उपयोग के बीच, बिटकॉइन का बाजार पूंजीकरण 2.5 ट्रिलियन डॉलर को छू गया है.

Also Read:

डीवीरे ग्रुप के सीईओ और संस्थापक निगेल ग्रीन के अनुसार, जिसका प्रबंधन में 12 बिलियन डॉलर है, बिटकॉइन निर्विवाद रूप से एक मुख्यधारा की संपत्ति वर्ग है . अधिकांश निवेशकों को क्रिप्टो परिसंपत्तियों को एक विविध पोर्टफोलियो के हिस्से के रूप में शामिल करने पर विचार करना चाहिए.

उन्होंने एक बयान में कहा, “जुलाई में, हमने सार्वजनिक रूप से भविष्यवाणी की थी कि बिटकॉइन ऊंचाई पर पहुंच जाएगा और सबसे अधिक संभावना है कि यह पिछले सभी समय के उच्च स्तर को हरा देगा. मुझे विश्वास है कि अल्पावधि में कुछ लाभ हो सकता है, ताकि निवेशक बाद में और अधिक जमा कर सकें, गति ऐसी है कि हम कीमतों में अपने ऊपर की ओर जारी रहने की उम्मीद कर सकते हैं.”

भारत में भारतीय क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार 2030 तक 241 मिलियन डॉलर और दुनिया भर में 2026 तक 2.3 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.

आईटी उद्योग की शीर्ष संस्था नैसकॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में क्रिप्टोटेक क्षेत्र में 1.5 करोड़ खुदरा निवेशक निवेश कर रहे हैं.

एक घरेलू क्रिप्टोक्युरेंसी एक्सचेंज, बाययूकोइन के सीईओ शिवम ठकराल के अनुसार, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में पहले बिटकॉइन ईटीएफ का लॉन्च वैश्विक क्रिप्टो अर्थव्यवस्था और दुनिया की सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी के लिए गणना का क्षण है.

उन्होंने कहा, “ईटीएफ की शुरुआत के आसपास उत्साह के कारण बिटकॉइन में उल्का वृद्धि देखी जा रही है और इस साल के अंत तक 100,000 डॉलर के निशान को छूने की उम्मीद है.”

दुनिया भर में निवेश पैटर्न में एक आदर्श बदलाव आया है जो समय-समय पर क्रिप्टो एक्सचेंजों द्वारा साझा किए गए डेटा से रेखांकित होता है.

क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज ओकेईएक्स डॉटकॉम के सीईओ जे हाओ ने कहा, “बिटकॉइन एक नया ऑल-टाइम हाई बना रहा है जो दुनिया भर में क्रिप्टो परिसंपत्तियों की व्यापक स्वीकृति को इंगित करता है. पहले बिटकॉइन फ्यूचर्स ईटीएफ की सूची क्रिप्टो निवेशकों के लिए विश्वास की एक बड़ी छलांग है क्योंकि इसे अमेरिकी प्रतिभूतियों से अंतिम अनुमोदन प्राप्त करने में आठ साल लग गए थे.”

हाओ ने कहा, “जैसा कि हम बोलते हैं, बिटकॉइन मार्केट कैप 2.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, एक और नया सर्वकालिक उच्च जो वैश्विक स्तर पर संस्थागत और खुदरा निवेशकों के विश्वास को बढ़ावा देने की उम्मीद है. संस्थानों से निवेश की आमद ने भी रिकॉर्ड बनाने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है.”

(With IANS Inputs)

ब्रेकिंग न्यूज क्या यह बिटकॉइन का अंत है? और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें व्यापार की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

बिटकॉइन के लाभ का पता नहीं, हानि का अंत नहीं, इसके भविष्य पर भी काले बादल

बिटकॉइन ( P C : Pixabay )

ऐसी कई वित्तीय योजनाएं और विचार हैं जिनके बारे में उसके समर्थक और विरोधी एक दूसरे से विपरीत राय रखते हैं। उदाहरण के लिए कोई कहता है कि सागौन का पौधा लगाना अच्छा रिटर्न देगा। कोई और कहेगा कि इससे कुछ हासिल नहीं होगा।

नई दिल्ली, धीरेंद्र कुमार। कोरोना संकट के बीच बिटकॉइन को लेकर जुनून बढ़ता दिख रहा है। इसके पक्ष और विपक्ष में तरह-तरह के तर्क दिए जा रहे हैं। मगर सच यह है कि बिटकॉइन से अटकलबाजों और अपराधियों को छोड़कर किसी और को कोई फायदा नहीं है। यह कार्बन उत्सर्जन के रूप में भी दुनिया के लिए बड़ा खतरा है। ऐसे में कोई शक नहीं कि बहुत जल्द अधिकतर देशों की सरकारें इसे प्रतिबंधित कर दें।

कोरोना महामारी के बारे में आ रही क्या यह बिटकॉइन का अंत है? भयावह खबरों के बीच एक और कहानी चल रही है। यह कहानी है बिटकॉइन की। कोरोना महामारी बिटकॉइन कीमतों के लिए अच्छी रही है और बिटकॉइन को लेकर जूनून बढ़ रहा है। कॉइनबेस ग्लोबल नामक अमेरिकन क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज 14 अप्रैल को अपना आइपीओ लेकर आया। एक दिन एक्सचेंज के कर्मचारियों और संस्थापकों ने जरूर मोटा मुनाफा कमाया, लेकिन इसके बाद स्टॉक का दौर उतना अच्छा नहीं रहा।

हाल ही में मैंने बिटकॉइन के बारे में एक खबर पढ़ी। इस खबर ने बिटकॉइन को लेकर मेरा ध्यान आकर्षित किया। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आइसीसी) की एंटी करप्शन यूनिट ने जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान हीथ स्ट्रीक के आचरण के बारे में जांच का ब्योरा जारी किया है। इस कहानी में बिटकॉइन की अहम भूमिका है।

दिल्ली के रहने वाले मिस्टर अग्रवाल ने हीथ स्ट्रीक को दो बिटकॉइन का भुगतान किया था। यह भुगतान उन जानकारियों के बदले में था जिनका इस्तेमाल सट्टेबाजी में किया जा सकता था। स्ट्रीक ने बाद में बिटकॉइन 35,000 डॉलर में बेच दिया। उन्हें इसका गहरा अफसोस रहा होगा, क्योंकि दो बिटकॉइन की कीमत बेची गई रकम के तीन गुने से अधिक होगी।

एक दूसरी गैर वित्तीय खबर बिटकॉइन को लेकर है। इसमें रैनसमवेयर हैक्स का उल्लेसख किया गया है। एक दिन क्या यह बिटकॉइन का अंत है? कोई इंडिविजुअल या कंपनी पाती है कि उसके कंप्यूटर की सारी फाइल एनक्रिप्टेड है। स्क्रीन पर रैनसम नोट है जिसमें यह निर्देश दिया गया है कि फाइल वापस पाने के लिए बिटकॉइन में कैसे भुगतान करना है।

साफ है कि ज्यादातर पीडि़त भुगतान कर देते हैं। मैं समझता हूं कि बिटकॉइन मिस्टर अग्रवाल, हीथ स्ट्रीक और रैनसमवेयर अपराधियों की जरूरतों पर खरा उतरता है। उनको इस बात के लिए शुक्रगुजार होना चाहिए कि बिटकॉइन की खोज की गई जिससे वे अपना कारोबार ज्यादा सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से चला सकें। अगर ऐसा नहीं होता तो मुझे कहना पड़ता कि बिटकॉइन पूरी तरह क्या यह बिटकॉइन का अंत है? से बेकार है।

ऐसी कई वित्तीय योजनाएं और विचार हैं जिनके बारे में उसके समर्थक और विरोधी एक दूसरे से विपरीत राय रखते हैं। उदाहरण के लिए कोई कहता है कि सागौन का पौधा लगाना अच्छा रिटर्न देगा। कोई और कहेगा कि इससे कुछ हासिल नहीं होगा। ये बिल्कुल विपरीत विचार हैं। बिटकॉइन इस तरह से नहीं है। बिटकॉइन के समर्थक और इस पर शक करने वाले इसकी बुनियादी खासियत को लेकर सहमत हैं।

समर्थकों के अनुसार बिटकॉइन बहुत अच्छा है, क्योंकि यह एक करेंसी है जिसे कोई सेंट्रल बैंक या सरकार नियंत्रित नहीं करती है। बिटकॉइन अनजान और ट्रेस न किए जा सकने वाले ट्रांजैक्शन की अनुमति देता है। कोई भी सरल तकनीकी प्रक्रिया का इस्तेमाल करते हुए बिटकॉइन बना सकता है। विरोधी खेमे का कहना है कि बिटकॉइन एक बेकार विचार है।

बिटकॉइन के समर्थक इस बात पर निराशा जताते हैं कि बहुत सी सरकारें इसके प्रति दुश्मनी का रवैया रखती हैं। वास्तव में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर किसी सरकार का दुश्मनी भरा रवैया तार्किक है। दुनिया में हर सरकार अपनी करेंसी और अपने मौद्रिक परिदृश्य पर नियंत्रण रखना चाहेगी।

जो देश ऐसा नहीं कर सकते हैं उनको आर्थिक मोर्चे पर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उदाहरण के लिए जब भी लोग एक करेंसी में भरोसा खो देते हैं, तो वे अपनी असेट किसी और करेंसी में शिफ्ट कर देते हैं। एक तय उम्र पार कर चुके हर भारतीय को वे दिन आज भी याद हैं जब ऐसा नियमित तौर पर होता था।

सबसे बड़ी बात माइनिंग प्रॉसेस की लगातार बढ़ रही बिजली की खपत है। यह बिटकॉइन की अंतर्निहित खासियत है। कैंब्रिज यूनीवर्सिटी की स्टडी में अनुमान लगाया गया है कि बिटकॉइन सालाना 178 टेरावाट की खपत करता है। एक तरफ हम कार्बन फुटप्रिंट और क्लाइमेट इमरजेंसी की लगातार बात करते हैं। वहीं दूसरी तरफ एक ऐसी रकम को बनाने में बड़े पैमाने पर एनर्जी को बरबाद किया जा रहा है जिसका अटकलबाजी और आपराधिक गतिविधियों के अलावा और कोई इस्तेमाल नहीं है।

हाल में ऐसी खबरे आई थीं कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कड़े कदम उठाने जा रही है। इसके तहत भारतीय नागरिकों के पास मौजूद सभी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना था। साफ है कि अभी सरकार की प्राथमिकताएं दूसरी हैं। लेकिन उम्मीद की जानी चाहिए कि आखिरकार सरकार इस तरह के कदम उठाएगी, जिससे दुनिया की दूसरी सरकारें बिटकॉइन को खत्म करने की दिशा में प्रेरित हों।

(लेखक वैल्यू रिसर्च ऑनलाइन डॉट कॉम के सीईओ हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)

रेटिंग: 4.64
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 808