इसके अलावा, सरकार ने 24 मार्च को अन्य आभासी डिजिटल परिसंपत्तियों से लाभ के साथ किसी भी नुकसान की भरपाई की अनुमति नहीं देकर क्रिप्टो के कराधान के मानदंडों को कड़ा करने का प्रस्ताव दिया।

क्रिप्टो एक्सचेंजों (Crypto Exchange) द्वारा GST चोरी के कुछ मामलों का पता केंद्रीय जीएसटी संरचनाओं ने लगाया।

Cryptocurrency:11 क्रिप्टो एक्सचेंज (Crypto Exchange) पर कार्रवाई, टैक्स चोरी का आरोप

सवाल था कि, क्या क्रिप्टो एक्सचेंज (Crypto Exchange), Goods and Services Tax (GST/जीएसटी) यानी माल और सेवा भारत में कराधान और क्रिप्टोकरेंसी कर की चोरी में शामिल थे?

Neelesh Singh Thakur

हाइलाइट्स –

Crypto Exchange पर कार्रवाई

जीएसटी (GST) की चोरी में शामिल

स्पष्ट नहीं क्रिप्टो मुद्रा कानूनी है या नहीं

राज एक्सप्रेस। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने भारत में कराधान और क्रिप्टोकरेंसी 28 मार्च को लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि सरकार ने कुल 81.54 करोड़ रुपये की कर चोरी के लिए भारत में 11 क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है।

Crypto Exchanges का डेटा -

चौधरी ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों (Cryptocurrency Exchange) से ब्याज और जुर्माना शुल्क सहित वसूली 95.86 करोड़ रुपये है। उत्तर ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ने क्रिप्टो एक्सचेंजों पर कोई डेटा एकत्र नहीं किया।

भारत में कराधान और क्रिप्टोकरेंसी

Teacher

Share

केंद्र सरकार द्वारा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर को हितधारकों ने निवेशकों भारत में कराधान और क्रिप्टोकरेंसी को हतोत्साहित करने वाला बताया है . इनका मानना है कि आने वाला दौर डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी का है , ऐसे में अगर भारत ने इसके लिए अनुकूल माहौल तैयार नहीं किया तो यह कुछ प्रमुख व्यवसायों और निवेशकों को खो देगा .

भारत में क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन के कर निहितार्थ के बारे में काफी अनिश्चितता के बाद केंद्र सरकार ने अंततः 2022-23 के केंद्रीय बजट में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स ( वीडीए ) से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत के समग्र कर की घोषणा की .

क्रिप्टो रिसर्च एजेंसी क्रेबैको (CREBACO) ने बताया है कि 30% टैक्स लागू होने के बाद पहले दो दिनों में भारतीय एक्सचेंज में इसके वॉल्यूम में लगभग 55% की और डोमेन ट्रैफिक में 40% से अधिक की गिरावट देखी है . यह कई मायनों में इस बात का संकेत है कि भारतीय क्रिप्टो स्पेस नए कर दिशानिर्देशों पर कैसे प्रतिक्रिया दे रहा है .

एडिटोरियल

यह एडिटोरियल 18/11/2021 को इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित “Crypto Opportunity” लेख पर आधारित है। इसमें भारत में क्रिप्टोकरेंसी के विनियमन की आवश्यकता के संबंध में चर्चा की गई है।

हाल ही में,भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर ने एक बार भारत में कराधान और क्रिप्टोकरेंसी फिर वृहत-आर्थिक एवं वित्तीय स्थिरता के संदर्भ में क्रिप्टोकरेंसी पर चिंता जताई है। इन्हीं कारणों से विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंक क्रिप्टोकरेंसी के वैधीकरण के विरुद्ध खड़े हुए हैं और अब भारत में भी यही परिदृश्य उत्पन्न हो रहा है।

हालाँकि, क्रिप्टोकरेंसी की प्रकृति को देखते हुए, इस तरह के लेनदेन पर प्रतिबंध का विपरीत प्रभाव भी उत्पन्न हो सकता है, जहाँ वे जाँच या संवीक्षा के दायरे से बाहर चली जाएंगी और आपराधिक कृत्यों के मामले में कानून प्रवर्तित करना कठिन हो जाएगा।

वर्तमान में, क्रिप्टोकरेंसी बाज़ार तीन ट्रिलियन डॉलर से अधिक मूल्य का है। भारत इतने बड़े अवसर से स्वयं को वंचित नहीं रख सकता, न उसे रहना चाहिये, बल्कि इसके विनियमन के लिये प्रभावी प्रावधान का सृजन करना चाहिये।

‘क्रिप्टोकरेंसी’ को लेकर अस्पष्टता और अव्यवस्था

  • वैश्विक सर्वसम्मति का अभाव: वर्तमान में वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रति विनियामक दृष्टिकोण में एकरूपता नहीं है। विभिन्न देश उपयुक्त विनियामक ढाँचे को लेकर जटिल सवालों से जूझ रहे हैं और अलग-अलग दृष्टिकोण अपना रहे हैं।
    • ‘क्यूबा’ और ‘अल सल्वाडोर’ जैसे देशों ने बिटकॉइन को वैध मुद्रा (Legal Tender) के रूप में अनुमति दे रखी है।
      • ईरान ने भी उस पर आरोपित प्रतिबंधों को बेअसर करने में क्रिप्टोकरेंसी की क्षमता की पहचान की है और उनकी ‘माइनिंग’ (Mining) को प्रोत्साहित किया है, बशर्ते परिणामी भारत में कराधान और क्रिप्टोकरेंसी टोकन केंद्रीय बैंक को बेचे जाएँ।
      • बोलीविया, नेपाल, नॉर्थ मैसेडोनिया और इंडोनेशिया कुछ अन्य देश हैं जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार, उनकी होल्डिंग और माइनिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है।

      आगे की राह

      • क्रिप्टो के लिये नियामक ढाँचा: भारत में क्रिप्टो के संबंध में तत्काल एक नियामक ढाँचे का निर्माण किये जाने की आवश्यकता है।
        • इस ढाँचे को विभिन्न क्रिप्टोकरेंसियों, बिक्री, खरीद के साथ-साथ एक्सचेंज और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जैसे मध्यस्थों से संबद्ध विभिन्न पहलुओं से निपटने की आवश्यकता होगी।
        • सरकार को संबद्ध जोखिमों की पहचान करनी चाहिये और उन्हें संबोधित करने के लिये एक उपयुक्त नियामक ढाँचा तैयार करना चाहिये।
        • यह विनियमन धन-शोधन और आतंक-वित्तपोषण जैसे मुद्दों की निगरानी और घोटालों पर रोक में भी सहायता कर सकता है।
        • एक कुशल नियामक ढाँचा निवेशकों के लिये उत्तरदायित्व के साथ-साथ शिकायत निवारण तंत्र की पूर्ति करेगा।
        • इसके साथ ही, यह भारत में सक्रिय क्रिप्टो कंपनियों के पलायन को रोकेगा, जिससे पूंजी का पलायन नहीं होगा।
        • यह भारत और भारतीयों के लिये उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में आगे बढ़ने और इस क्षेत्र में अग्रणी एवं नवप्रवर्तक बनने के लिये एक स्वस्थ पारितंत्र का निर्माण करेगा।

        Cryptocurrency: CBDT ने दिया बयान, 1 अप्रैल से टैक्स डिडक्शन होगा लागू

        Cryptocurrency: CBDT ने दिया बयान, 1 अप्रैल से टैक्स डिडक्शन होगा लागू

        डीएनए हिंदी: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अध्यक्ष जेबी महापात्र ने गुरुवार को समाचार एजेंसी ANI को बताया कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) अन्य आभासी संपत्तियों (Virtual Assets) से आय पर प्रस्तावित कराधान (Taxation) 1 अप्रैल से लागू होगा. महापात्र ने बताया इसके अलावा, ऐसे परिसंपत्ति वर्गों में लेनदेन पर 1 प्रतिशत टैक्स डिडक्शन (TDS) 1 जुलाई से लागू होगी.

        बजट 2022 में हुई थी घोषणा

        बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 में ऐसी संपत्तियों के ट्रांसफर पर 30 प्रतिशत कर का प्रस्ताव दिया था. इस प्रस्ताव के तहत भारत क्रिप्टोकरेंसी सहित अपूरणीय टोकन (NFT) जैसी डिजिटल एसेट्स पर कर लगाने वाले कुछ देशों में से एक बन गया है. सीतारमण ने इन संपत्तियों को कर के दायरे में लाने के लिए लेनदेन पर टीडीएस का भी प्रस्ताव रखा था.

        Crypto निवेशकों के लाभ पर लगेगा भारी Tax, डिजिटल करेंसी के ITR पर यहां देखे नई अपडेट, जाने सबकुछ

        व्यापर, डेस्क रिपोर्ट। भारत ने अंततः अपने नए बजट 2022 में क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) को मान्यता दी, इसने 30 प्रतिशत के साथ भारी कर (Tax) लगाने का भी फैसला किया। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) के मामले में राजस्व सचिव तरुण बजाज (Tarun Bajaj) ने कहा कि चूंकि क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगेगा। इसलिए ITR फॉर्म में डिजिटल करेंसी (Digital Currency) से होने वाली आय के लिए एक अलग कॉलम भारत में कराधान और क्रिप्टोकरेंसी होगा।

        उन्होंने कहा अगले साल आईटीआर फॉर्म क्रिप्टो के लिए एक अलग कॉलम दिखाएगा। हां, आपको खुलासा करना होगा। एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए, उन्होंने आगे कहा कि Crypto or Digital Currency से होने वाले लाभ पर हमेशा Tax लगता है और Union Budget 2022 में जो प्रस्तावित किया गया है, वह कोई नया Tax नहीं है बल्कि इस मुद्दे पर निश्चितता प्रदान करता है।

रेटिंग: 4.84
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 702