मंत्री ने राज्यसभा में दी जानकारी- 47.57 करोड़ जन धन खातों में से 10.79 लाख हैं डुप्लीकेट

मंत्री ने कहा, “पीएमजेडीवाई दिशानिर्देशों में जन धन खाताधारकों को रूपे डेबिट कार्ड जारी करने और बैंक द्वारा जन धन खाता धारकों को रुपे डेबिट कार्ड जारी करने की परिकल्पना एक सतत प्रक्रिया है। जैसा कि बैंकों द्वारा सूचित किया गया है, 19.90 करोड़ खाताधारक ऐसे हैं जिनके पास कार्यात्मक डेबिट कार्ड नहीं हैं और 4.44 करोड़ खाताधारकों ने अपने पीएमजेडीवाई रूपे कार्ड को रिन्यू नहीं किया है।”

आरबीआई ने फायनेंशियल लिटरेसी सेंटर्स (एफएलसी) और बैंकों वित्तीय साक्षरता में सबक की ग्रामीण शाखाओं को जिला/पंचायत या ग्राम स्तर पर जमीनी स्तर के हितधारकों के सहयोग से ग्राहकों के लिए बाहरी वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित करने की सलाह दी है। आरबीआई महिलाओं सहित किसानों, छोटे उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों, वरिष्ठ नागरिकों आदि जैसे लक्षित दर्शकों के लिए विशिष्ट शिविर भी आयोजित करता है।

वित्तीय साक्षरता परियोजना के लिए अपने केंद्र के तहत, आरबीआई वयस्कों के बीच वित्तीय शिक्षा प्रदान कर रहा है। सामान्य रूप से बैंक भी शिविरों का आयोजन करते हैं, ताकि अकाउंट को सक्रिय रखने के लाभों सहित बैंकिंग आदतों के बारे में जागरूकता पैदा की जा सके।

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रुपये-पैसे के बारे में मह‍िलाएं कैसे बढ़ा सकती हैं अपनी जानकारी?

उत्‍तराधिकार के मामले में अपने अध‍िकारों की जानकारी जुटाएं और यह भी देखें कि वैवाहिक रिश्‍ते में आपके वित्‍तीय अधिकार क्‍या हैं.

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अधिकतर महिलाएं घर संभालती हैं और छोटे वित्‍तीय निर्णय भी करती हैं. लेकिन, बात जब बड़े फैसलों की आती है तो उसे पुरुषों पर छोड़ दिया जाता है.

पीकअल्‍फा इनवेस्‍टमेंट्स की डायरेक्‍टर प्रिया सुंदर ने कहा, ''महिलाओं का पैसे से नाता हमेशा ही कमजोर सा रहा है. वे बचत या निवेश करने के बजाय खर्च करने के पहलू से ज्‍यादा जुड़ी रही हैं क्‍योंकि परंपरागत रूप से पुरुष ही पैसे संभालते रहे हैं. इस तरह महिलाएं उन पर निर्भर रही हैं और पुरुष की मौत होने पर महिलाओं को बहुत परेशानी उठानी पड़ती है.''

अधिकतर महिलाएं घर संभालती हैं और छोटे वित्‍तीय निर्णय भी करती हैं. लेकिन, बात जब बड़े फैसलों की आती है तो उसे पुरुषों पर छोड़ दिया जाता है. ऐसे फैसले पिता, भाई या पति करते हैं.

प्‍लानिंग हो या निवेश, फाइनेंशियल प्रोसेस से इस तरह के कम जुड़ाव के कारण तलाक या असमय मौत होने की सूरत में जोखिम बहुत ज्‍यादा बढ़ जाता है. टीमलीज सर्विसेज की सीनियर वाइस प्रेसीडेंट नीति शर्मा ने कहा, ''यही वजह है कि बिचौलियों, रिश्‍तेदार या वित्‍तीय संस्‍थान आसानी से उन्‍हें झांसे में ले लेते हैं.''

रुपये-पैसे के मामलों की कम जानकारी होने की एक और वजह यह है कि रिश्‍ते में खुद को ऊपर रखने के लिए पुरुषों ने परंपरागत रूप से महिलाओं को वित्‍तीय मामलों से दूर रखा है. लिहाजा, अगर महिला वित्‍तीय मामलों में दिलचस्‍पी भी दिखाए तो उसे अपमानित किया जाता है और दूर रहने को कहा जाता है.

सुंदर ने कहा, ''महिलाओं को अपमानित महसूस करने और खुद को दोषी मानने की जरूरत नहीं है. महिलाओं को जोर देना चाहिए कि वे फाइनेंशियल मैनेजमेंट में हिस्‍सा लेंगी या कम से कम उन्‍हें यह तो पता हो कि रुपये-पैसे का किया क्‍या जा रहा है.''

यानी सवाल करें, पढ़ाई करें और वित्‍तीय मामलों की अधिक से अधिक जानकारी जुटाने का प्रयास करें. पैसे को स्‍मार्ट तरीके से मैनेज करने के लिए फाइनेंस की डिग्री लेने की जरूरत नहीं है. आपको बैंक डिपॉजिट, म्‍यूचुअल फंड और सेविंग्‍स स्‍कीम्‍स की वर्किंग नॉलेज होनी चाहिए ताकि आप इनमें निवेश कर सकें और अपने वित्‍तीय लक्ष्‍य हासिल कर सकें.

महंगाई, ब्‍याज दर, लोन की ईएमआई जैसे बुनियादी कॉन्‍सेप्‍ट की जानकारी हासिल करें और नेट बैंकिंग का कामकाज और मामूली गणनाएं करने लायक खुद को बनाएं. अलग-अलग तरह के वित्तीय साक्षरता में सबक इंश्‍योरेंस का मकसद समझें और यह देखें कि किस तरह आप अपने और अपने परिवार की सुरक्षा कर सकती हैं.

उत्‍तराधिकार के मामले में अपने अध‍िकारों की जानकारी जुटाएं और यह भी देखें कि वैवाहिक रिश्‍ते में आपके वित्‍तीय अधिकार क्‍या हैं.

महिलाओं की वित्‍तीय साक्षरता के खिलाफ बने सामाजिक ढांचे के बावजूद असल फर्क पड़ता है पहला कदम उठाने से. खुद को छोटा मानने और पर्याप्‍त जानकारी नहीं होने के लिए अपराध बोध से न दबें.

परिवार का बजट आप ही तो संभालती हैं. अब इससे आगे कदम बढ़ाएं. पैसे का निवेश करें, भले ही फिक्‍स्ड डिपॉजिट जैसे सबसे आसान इंस्‍ट्रूमेंट में ही करें. निवेश करें, भले ही छोटी सी रकम लगाएं. लेकिन, यह काम खुद करें. अपने पैसे को बढ़ता हुआ देखें. इससे आप खुद को सशक्‍त महसूस करेंगी.

वित्‍तीय मामलों से जुड़े एप की मदद लें
शर्मा ने कहा, ''ऐसे कई फाइनेंशियल लिट्रेसी एप्‍स हैं जिनका आसानी से उपयोग किया जा सकता है. इससे महिलाओं को पैसे के बारे में वर्किंग नॉलेज मिलेगी.'' इनमें से यूबीएस और प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन का एप मेरी दुकान सहित एप मैनेजमेंट, इनवेंटरी, बैंकिंग और इंश्‍यारेंस में मदद करते हैं. वहीं, फाइनेंशियल लिट्रेसी से आपको फाइनेंशियल बेसिक्‍स, लोन, पर्सनल फाइनेंस और जीएसटी के पहलू समझने में मदद मिलेगी.

यूट्यूब पर वीडियो देखें
सुंदर का कहना है, ''महंगाई, ग्रोथ और इक्विटी जैसे कॉन्‍सेप्‍ट समझने के लिए यूट्यूब पर वीडियो देखें.'' ये आसानी से उपलब्‍ध हैं और इनसे आपको जटिल प्रक्रियाएं सरल भाषा में और सरल तरीके से समझने में मदद मिलेगी.

बुनियादी बातें पढ़ें
सीखने का पहला कदम उठाते समय इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया से परहेज करें क्‍योंकि आप कन्‍फ्यूज हो सकती हैं. हालांकि, किताबें और अखबार पढ़ें. इनमें बैंकिंग, म्यूचुअल फंड आदि से जुड़ी जानकारियां पढ़ें.

शर्मा ने कहा, ''आपको कॉरपोरेट सोशल रिस्‍पॉन्सिबिलिटी के तहत फाइनेंशियल कौशल बढ़ाने से जुड़े कंपनी के कार्यक्रमों में शामिल होने के हर अवसर का लाभ लेना चाहिए.'' सवाल पूछने से घबनाएं नहीं. सीखे गए सबक को अपने वित्‍तीय मामलों में आजमाएं.

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सरकारी विद्यालय की लचर व्यवस्था से असंतुष्ट दिखे प्रखंड विकास पदाधिकारी

सरकारी विद्यालय की लचर व्यवस्था से असंतुष्ट दिखे प्रखंड विकास पदाधिकारी

सोनो,प्रखंड के सरकारी विद्यालयों की लचर व्यवस्था की शिकायत उच्च स्तर तक पहुंचने के पश्चात विभागीय नियमों के अनुपालन हेतु प्रखंड विकास पदाधिकारी मोहम्मद मोइनुद्दीन द्वारा कई सरकारी विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के क्रम में उत्क्रमित मध्य विद्यालय सुग्गाटांड के प्रांगण में उपस्थित ग्रामीणों की भीड़ ने बताया कि मध्य विद्यालय होने के बावजूद विद्यालय में कुल 5 शिक्षक हैं जिसमें 4 शिक्षक उर्दू के बहाल है,विद्यालय में कुल 217 विद्यार्थी का नामांकन है।


प्रधानाध्यापक मनोज कुमार पांडे ने बताया कि मेरे विद्यालय में 130 विद्यार्थी उपस्थित है। लेकिन जब ग्रामीण और प्रखंड विकास पदाधिकारी मोइनुद्दीन विद्यालय के प्रांगण में वित्तीय साक्षरता में सबक देखा तो विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति नगन्य थी। वही विद्यालय में उर्दू शिक्षक के अलावे अन्य विषयों को पढ़ाने के लिए विभाग द्वारा अब तक किसी भी शिक्षक का विद्यालय में पदस्थापन नहीं किया गया। जो अत्यंत चिंता का विषय है। वही शिक्षकों की उपस्थिति पर भी ग्रामीणों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी के समक्ष सवाल उठाते हुए मामले में त्वरित कार्यवाही का आग्रह किया। प्रखंड विकास पदाधिकारी ने मामले की गहनता से जांच करने हेतु विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक के खिलाफ स्पष्टीकरण का आदेश जारी किया।
सोनो संवादाता योगेंद्र प्रसाद उर्फ कुंदन की रिपोर्ट

रुपये-पैसे के बारे में मह‍िलाएं कैसे बढ़ा सकती हैं अपनी जानकारी?

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अधिकतर महिलाएं घर संभालती हैं और छोटे वित्‍तीय निर्णय भी करती हैं. लेकिन, बात जब बड़े फैसलों की आती है तो उसे पुरुषों पर छोड़ दिया जाता है.

पीकअल्‍फा इनवेस्‍टमेंट्स की डायरेक्‍टर प्रिया सुंदर ने कहा, ''महिलाओं का पैसे से नाता हमेशा ही कमजोर सा रहा है. वे बचत या निवेश करने के बजाय खर्च करने के पहलू से ज्‍यादा जुड़ी रही हैं क्‍योंकि परंपरागत रूप से पुरुष ही पैसे संभालते रहे हैं. इस तरह महिलाएं उन पर निर्भर रही हैं और पुरुष की मौत होने पर महिलाओं को बहुत परेशानी उठानी पड़ती है.''

अधिकतर महिलाएं घर संभालती हैं और छोटे वित्‍तीय निर्णय भी करती हैं. लेकिन, बात जब बड़े फैसलों की आती है तो उसे पुरुषों पर छोड़ दिया जाता है. ऐसे फैसले पिता, भाई या पति करते हैं.

प्‍लानिंग हो या निवेश, फाइनेंशियल प्रोसेस से इस तरह के कम जुड़ाव के कारण तलाक या असमय मौत होने की सूरत में जोखिम बहुत ज्‍यादा बढ़ जाता है. टीमलीज सर्विसेज की सीनियर वाइस प्रेसीडेंट नीति शर्मा ने कहा, ''यही वजह है कि बिचौलियों, रिश्‍तेदार या वित्‍तीय संस्‍थान आसानी से उन्‍हें झांसे में ले लेते हैं.''

रुपये-पैसे के मामलों की कम जानकारी होने की एक और वजह यह है कि रिश्‍ते में खुद को ऊपर रखने के लिए पुरुषों ने परंपरागत रूप से महिलाओं वित्तीय साक्षरता में सबक को वित्‍तीय मामलों से दूर रखा है. लिहाजा, अगर महिला वित्‍तीय मामलों में दिलचस्‍पी भी दिखाए तो उसे अपमानित किया जाता है और दूर रहने को कहा जाता है.

सुंदर ने कहा, ''महिलाओं को अपमानित महसूस करने और खुद को दोषी मानने की जरूरत नहीं है. महिलाओं को जोर देना चाहिए कि वे फाइनेंशियल मैनेजमेंट में हिस्‍सा लेंगी या कम से कम उन्‍हें यह तो पता हो कि रुपये-पैसे का किया क्‍या जा रहा है.''

यानी सवाल करें, पढ़ाई करें और वित्‍तीय मामलों की अधिक से अधिक जानकारी जुटाने का प्रयास करें. पैसे को स्‍मार्ट तरीके से मैनेज करने के लिए फाइनेंस की डिग्री लेने की जरूरत नहीं है. आपको बैंक डिपॉजिट, म्‍यूचुअल फंड और सेविंग्‍स स्‍कीम्‍स की वर्किंग नॉलेज होनी चाहिए ताकि आप इनमें निवेश कर सकें और अपने वित्‍तीय लक्ष्‍य हासिल कर सकें.

महंगाई, ब्‍याज दर, लोन की ईएमआई जैसे बुनियादी कॉन्‍सेप्‍ट की जानकारी हासिल करें और नेट बैंकिंग का कामकाज और मामूली गणनाएं करने लायक खुद को बनाएं. अलग-अलग तरह के इंश्‍योरेंस का मकसद समझें और यह देखें कि किस तरह आप अपने और अपने परिवार की सुरक्षा कर सकती हैं.

उत्‍तराधिकार के मामले में अपने अध‍िकारों की जानकारी जुटाएं और यह भी देखें कि वैवाहिक रिश्‍ते में आपके वित्‍तीय अधिकार क्‍या हैं.

महिलाओं की वित्‍तीय साक्षरता के खिलाफ बने सामाजिक ढांचे के बावजूद असल फर्क पड़ता है पहला कदम उठाने से. खुद को छोटा मानने और पर्याप्‍त जानकारी नहीं होने के लिए अपराध बोध से न दबें.

परिवार का बजट आप ही तो संभालती हैं. अब इससे आगे कदम बढ़ाएं. पैसे का निवेश करें, भले ही फिक्‍स्ड डिपॉजिट जैसे सबसे आसान इंस्‍ट्रूमेंट में ही करें. निवेश करें, भले ही छोटी सी रकम लगाएं. लेकिन, यह काम खुद करें. अपने पैसे को बढ़ता हुआ देखें. इससे आप खुद को वित्तीय साक्षरता में सबक सशक्‍त महसूस करेंगी.

वित्‍तीय मामलों से जुड़े एप की मदद लें
शर्मा ने कहा, ''ऐसे कई फाइनेंशियल लिट्रेसी एप्‍स हैं जिनका आसानी से उपयोग किया जा सकता है. इससे महिलाओं को पैसे के बारे में वर्किंग नॉलेज मिलेगी.'' इनमें से यूबीएस और प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन का एप मेरी दुकान सहित एप मैनेजमेंट, इनवेंटरी, बैंकिंग और इंश्‍यारेंस में मदद करते हैं. वहीं, फाइनेंशियल लिट्रेसी से आपको फाइनेंशियल बेसिक्‍स, लोन, पर्सनल फाइनेंस और जीएसटी के पहलू समझने में मदद मिलेगी.

यूट्यूब पर वीडियो देखें
सुंदर का कहना है, ''महंगाई, ग्रोथ और इक्विटी जैसे कॉन्‍सेप्‍ट समझने के लिए यूट्यूब पर वीडियो देखें.'' ये आसानी से उपलब्‍ध हैं और इनसे आपको जटिल प्रक्रियाएं सरल भाषा में और सरल तरीके से समझने में मदद मिलेगी.

बुनियादी बातें पढ़ें
सीखने का पहला कदम उठाते समय इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया से परहेज करें क्‍योंकि आप कन्‍फ्यूज हो सकती हैं. हालांकि, किताबें और अखबार पढ़ें. इनमें बैंकिंग, म्यूचुअल फंड आदि से जुड़ी जानकारियां पढ़ें.

शर्मा ने कहा, ''आपको कॉरपोरेट सोशल रिस्‍पॉन्सिबिलिटी के तहत फाइनेंशियल कौशल बढ़ाने से जुड़े कंपनी के कार्यक्रमों में शामिल होने के हर अवसर का लाभ लेना चाहिए.'' सवाल पूछने से घबनाएं नहीं. सीखे गए सबक को अपने वित्‍तीय मामलों में आजमाएं.

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